Wednesday, August 11, 2010
कोर्ट कि तारीख आज ११ अगस्त बुधवार
जीवन संघर्ष है और इसको लड़कर ही जीता जा सकता है , सत्यमेव जयते झूठ को मारर्ने कि जरूरत नहीं है वो एक दिन स्वयम मर जाता है ,
Monday, August 9, 2010
मीनाक्षी जयपुर से ८ अगस्त को आई
Friday, August 6, 2010
मीनाक्षी जयपुर गई ६-अगस्त २०१०
Sunday, August 1, 2010
पामिस्ट्री (हस्त रेखा )
Friday, July 30, 2010
हाई कोर्ट के जजों कि रिटायरमेंट कि आयु अब ६२ से ६५ वर्ष
महंगाई को हंगामा संसद में ,
वरना वो तो भूखे पेट ही मर जाएगा ,
मेरे हिसाब से तो महंगाई का शोर मचा मचा कर केवल संसद का कीमती समय बर्बाद किया जा रहा है ,
Tuesday, July 27, 2010
आज जहांगीरपुरी में पी .पी कि कलेद्रों कि तारीख थी
Monday, July 26, 2010
खाप ( पंचायत ) का फैसला,संविधान में बदलाव हो |
Sunday, July 25, 2010
दिल्ली में आतंक का माहौल
Friday, July 23, 2010
वित्त मंत्री जी कहते हैं ,
परन्तु हमारे हिसाब से तो वल्ले वल्ले क्या होगी उलटा एक्साइज भी कंजूमर को फ्री में भरनी पड़ेगी ,जिससे कि बाजार में तेजी होने के ज्यादा आसार होंगे जिसमे कंजूमर ही पिसेगा ,हाँ इतना जरूर है दोनों सरकारों यानी के स्टेट और सेन्ट्रल के मजे जरूर आ जायेंगे ,क्योंकि इससे सरकार का खर्चा जरूर बचेगा ,क्योंकि आज तो है कमाई आठ आना और खर्चा रुपैया ,प़र फिर होगा कमाई रुपया और खर्चा आठ आना ,
कुछ भी कर लो जनता तो हमेशा बेवकूफ ही बनती है और आगे भी बनती रहेगी ,
Wednesday, July 21, 2010
दिल्ली जलबोर्ड
वैसे पानी देखने में ऐसा लगता था जैसे कि गोलगप्पों का पानी हो और दिल्ली वाले बजाय गिलास या कटोरों के यदि थोड़ा सा नमक और मिला कर गोलगप्पों में भरकर पी लें तो शायद जनता को बिमारी लगने के बजाय ,पेट कि सारी बीमारियों का इलाज ही हो जाएगा ,और डाक्टर के पास जाने कि भी जरूरत नहीं पड़ेगी ,
बहुत बहुत धन्यवाद दिल्ली जल बोर्ड , दिल्ली वासी आपको हमेशा याद रखेंगे ,
Tuesday, July 20, 2010
सी ,बी, आई ,ने आज क्या बताया ?
मेरे हिसाब से ये दोनों विभाग ही देश कि तरक्की के लिए शायद धन्यवाद के पात्र हैं ,इन दोनों विभागों को इस बार १५ अगस्त को मेदल्स से विभूषित किया जाना चाहिए
Monday, July 19, 2010
बेल की तारीख १७ जुलाई २०१०
Tuesday, July 13, 2010
प्रेम वाली रिट कि हाई कोर्ट में तारीख १३ जुलाई २०१०
Saturday, July 10, 2010
मनी (धन ,पैसा ) की परिभाषा क्या है ?
Friday, July 9, 2010
क्या कोई अपना अनुभव बता सकता है ?
अब सवाल ये है कि क्या भारत कि जनता में क्या कोई ऐसा स्त्री या पुरुष है जिसने गर्भ में रहते हुए बाबाओं कि कथनानुसार फील किया हो यदि ऐसा हुआ है तो क्रप्या इस ब्लॉग प़र लिखे
गणेश जी कि मूर्ति
Wednesday, July 7, 2010
४/७/२०१० को राजा बुन्देला से मिले
Friday, July 2, 2010
आखिर इतने दिन बाद क्यों ?
Monday, May 24, 2010
आज २४ मई को ऐ ,सी पी कोर्ट जहाँगीर पूरी कोर्ट गए
जब हम १८ जून १० को जहांगीरपुरी पुलिस कोर्ट गए तो हम पहले ही वहाँ के आई ओ को मिले और उसको सारी बात समझा दी ,उस दिन आराम से मीनाक्षी और उसकी मम्मी के ब्यान आसानी से दर्ज कर लिए गए यद्यपि प्रेम और उसके वकील ने कुछ व्यवधान डालने का प्रयत्न भी किया प़र आई .ओ कि सूझ बुझ से से सब कुछ सही हो गया ,उसके बाद अगली तारीख २७जुलाइ १० दे दी गयी ,
Saturday, May 22, 2010
विमान हादसा
शेखावत जी का निधन
Monday, May 3, 2010
हनुमान जी मरघट वाले
Friday, April 30, 2010
सी ४७ वाले मित्तल साहब और हाई कोर्ट
Tuesday, April 27, 2010
१ पन्ना और १ गोमेद
Monday, April 26, 2010
हनुमान मंदिर जमुना बाजार
Saturday, April 17, 2010
अप्रैल माह में जून कि गर्मी का आतंक
Thursday, April 8, 2010
टी,वी प़र एक चोर की मुंहजबानी
Wednesday, April 7, 2010
सानिया शोएब ,आयशा प्रकरण
प़र अभी तक मुझे एक बात समझ नहीं आई की ऐसे क्या सुरखाब के प़र शोएब में लगे है की जिसके लिए सानिया दर बदर होने के लिए भी तैयार है और जिस देश की जनता ने उसको अपने बच्चों जैसा प्यार दिया और जिस जनता से उसने करोड़ों रुपया भी कमाया उनको भी छोड़कर ,दो नंबर की पत्नी तक बन्ने के लिए तैयार है ,और वो भी ऐसे देश के नागरिक से शादी कर रही हैं जिससे की हमारी पैदाइसी दुश्मनी है ,यदि सानिया ने शोएब से शादी करके दुबई आदि में जाकर बसने का फैसला कर ही लिया है तो मैं समझता हूँ की कोई भी भारतवासी ,वो चाहे किसी भी धर्म को मानता है शायद ही सानिया से कोई रिश्ता रखे ,क्या भारत में २५ करोड़ मुसलामानों में उसे अपने समक्क्षक कोई पति नहीं मिला ,हमारे देश में एक से एक खुबसूरत नोजवान मुस्लिम भाई भरे पड़े हैं ,उनमे से किसी से भी शादी करे शायद सानिया को ख़बरों के घेरे में रहने के लिए ऐसा कर रही है ,मेरे विचारों में तो उसको अपना फैसला बदल लेना चाहिए आखिर अपना देश अपना ही होता है ,पैसे से सबकुछ नहीं खरीदा जा सकता ,शोएब की बाड़ी लेंगवेज ये बताती है की ,वो सानिया के जीवन को तबाह कर देगा ,अभी भी समय है सानिया को सभाल जाना चाहिए
Tuesday, April 6, 2010
तारीख ६\४ \२०१०
Tuesday, March 23, 2010
तारीख २३\ ३ \२०१० मंगलवार
Monday, March 22, 2010
तारीख २२/०३ /१०
Friday, March 19, 2010
इस दुनिया में किस प़र विश्वास करें
Tuesday, March 16, 2010
आज कि दिनचर्या
इसी इन्तजार में हमको रात हो गई भूखे , प्यासे थे ही सो आज का हमने माँ शैल पुत्री का उपवास रख लिया जब कि आज मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था ,रास्ते में आते हुए भैरों मंदिर पड़ता है वहाँ भी उनके दर्शन करते चले आये ,दरअसल आज हम ई ,ओ ,डब्लू गए थे
Monday, March 15, 2010
मरघट वाले हनुमान जी ,जमुना बाजार
Saturday, March 13, 2010
सत्यमेव जयते लिखने से कुछ नहीं होगा
कल ही में एक सरकारी दफ्तर में गया ,तो वहाँ के अधिकारी अपने मोबाइल फोन प़र चिपक रहे थे ,और में आधा घंटा से वहाँ बेठा था जब भी में कूच कहना चाहता तो वो २ मिनट के लिए कह देते ,और फोन प़र पता नहीं क्या क्या झूठ पे झूठ बोले जा रहे थे ,बड़ी मुश्किल से मेरी और मुखातिब हुए और बोले बताओ क्या काम है ,मैंने अपना काम बता दिया तो बोले आज नहीं कल आ जाओ आज काम बहुत है ,मैंने कहा साहब मैं बहुत दूर से आया हूँ क्रप्या आज ही करा दीजिए आपकी मेहरबानी होगी ,अरे मेहरबानी तो आप करोगे ,चलो करता हूँ अच्छा ,सुविधा शुल्क निकालो ,मैंने कहा ये सब क्या होता है ,अरे समझा करो ,बोले देखो बोर्ड प़र क्या लिखा है ,वहाँ तो लिख रहा है किसी को भी रिश्वत ना दें इसलिए हम रिश्वत नहीं लेते प़र सुविधा तो आपको देंगे ,इसलिए सुविधा शुल्क नाम रख लिया
अच्छा कितना देना है ,चलो १० गांधी जी दे दो ,क्या मतलब ,यार मतलब नहीं जानते कमाते तो हो पेटी .और खोके ,और १० गांधी का मतलब नहीं जानते अरे भाई इसका मतलब है वो बड़े नोट जिनपे गांधी जी छपे हों ,मैंने कहा सर आप तनखा भी तो लेते हो ,हाँ हाँ क्यों नहीं प़र उसमे होता क्या है भाई रोजाना हारा थका जाता हूँ तो २ ,४ पेग भी पीने होते है और फिर मुर्गमुसल्लम भी तब कहीं सारे दिन की थकान उतरती है ,प़र सर यहाँ तो सारे दिन आप मजे से बैठे ही तो रहते हो ,हाँ हाँ क्यों नहीं एक दिन बैठकर दिकाओ तो जाने आप तो आते पीछे हो और भागने की कोशिश पहले करते हो ,फिर भाई ऊपर वाले भी हैं सन्ति से मंत्री तक पैसा भेजना पड़ता है ,इन स्लोगनों और फोटो सोतो टांगने से कुछ भी नहीं होता ,सारे काम पैसे से ही होते हैं ये तो हम टांग लेते हैं हमारे दांत तो भाई खाने के और दिखाने के और है ,तो भाई समझ गए ना इनसे यु,पी हो या हिन्दुस्तान कोई फर्क नहीं पड़ता
Tuesday, March 9, 2010
महिला बिल विधेयक
Monday, March 8, 2010
आज महिला दिवस है
Sunday, March 7, 2010
Saturday, March 6, 2010
मे or meriबेटी मीनाक्षी सम्पूर्ण दिन के https://www.aninews.in/news/national/general-news/cbi-registers-fir-against-fsl-rohini-officials-for-tampering-with-reports20190928104203/ निबटा कर अपनी कार से अपने घर लौट रहे थे ,शाम का समय था और कार मैं खुद चला रहा था समय लगभग ७ बजे होंगे ,हम लाल किले के पास से गुजरकर और मरघटों वाले प्राचीन हनुमान मंदिर के पास से गुजरे तो मैंने हनुमान जी को हाथ जोड़ और मत्था भी नवाया ,उससे कुछ ही दूर लगभग १०० गज ही सड़क प़र आगे पहुंचे थे की प़र ट्रेफिक जाम था अत; कार रोकनी पड़ी ,थोड़ी ही देर में जैसे ही रास्ता खुला तो मैंने कार को आगे बढानी चाही तो ऐसा लगा कि कार पीछे कि तरफ को सरपट भाग रही है है और मैं भयभीत हूँ कि अब मेरी का किसी ना किसी कार को टक्कर मार देगी और इतना जबरदस्त एक्सीडेंट होगा कि हम बाप घटना जो शुकर्वार को मेरे साथ घटी ?
Friday, March 5, 2010
प्राताप गद के आश्रम की दुर्घटना
बाबा के आश्रम प्राताप गढ़ में श्राध्य के समय में भगदड़ मचने से जो ६३ जनों की जिनमें बच्चे बूढ़े ,स्त्रिया और जवान सम्मिलित है वो एक जून की रोटी के लिए बेचारे इस संसार से बिदा हो गए और काफी लोग कुचले भी गए जिनमे काफी लोगों की हालत खराब है ,उन सबको देखकर मेरा ह्रदय बहुत दुखी है मोर मैं सभी ब्लोगर्स से भी प्रार्थना करूंगा की वो भी उनकी आत्मा की शान्ति के लिए भगवान् जी से प्रार्थना करे
दुसरे मैं आश्रम वासियों से प्रार्थना करूंगा की वो इस प्रकार के फंक्सन नाही किया करे तो अच्छा है और यदि करें भी तो वहा प़र सुरक्षा का इंतजाम होना जरूरी है कहते है की दस हजार लोग भंडारे में थे तो गुरूजी को उनकी सुरक्षा का भी तो इंतजाम करना चाहिए था ,अब गुरूजी या देश की जनता अथवा वर्तमान सरकार ही बताये इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है ,मेरे विचारों में तो गुरूजी ही हैं वैसे भी पूरे जीवन में गुरूजी ने जितने पुन्य नहीं कमाए होंगे जितने की पाप आज एकत्रित हो गए
Thursday, March 4, 2010
हैदराबाद की हवाई दुर्घटना
Monday, March 1, 2010
चित्रकूट वाले बाबा
आखिर हिन्दू जनता इनके भाषणों में या इनके शब्दजाल में अथवा इनके सम्मोहन में ,क्योँ और कैसे फंसती है ये कहते हैं की प्रत्येक स्त्री पुरुष को अपने जीवन में गुरु अवश्य बनाना चाहिए ,यदि जो भी व्यक्ति गुरु नहीं बनाता तो उसको सही रास्ता नहीं मिलता या उसको भगवान् से मिलाने वाला रास्ता केवल गुरु ही बता सकता है और जिसने गुरु नहीं बनाया उसको मोक्ष भी नहीं मिलता ,परन्तु वो ये नहीं बताते की गुरु कैसा होना चाहिए ,वो कहते हैं की गुरु के केवल गुण देखो अवगुण मत देखो क्योंकि गुण देखने की परख तो तुम्हारे अन्दर है परन्तु अभी तुम इतने सक्षम नहीं हो की जिसको गुरु बनाना चाहते हो उसके अवगुणों की व्याख्या कर सको ,गुरु की भर्त्सना मत करो वरना आपको महापाप लगेगा और ८४ लाख योनिओं में भी उस पाप को धो नहीं पाओगे ,जहां भी गुरु के प्रवचन हो रहे हों चाहे वो स्थान कितनी ही दूर क्योँ ना हो गुरु के दर्शन करने अवश्य जाओ ,सभी जरूरी कारू छोड़ दो ,अगर आप वहां समय पे नहीं पहुंचे और आपको ये पता है की उस जगह पे प्रवचन हो रहे हैं तो आपका बड़ा गर्क हो जाएगा ,यानी के उनके ह्रदय में एक दर पैदा कर दिया और यदि आप समय पे सभी गुरु के प्रवचनों का पान करेंगे तो आपके सभी कार्य सही समय प़र सिद्ध हो जायेंगे ,परन्तु ये सब भ्रांतियां हैं ,भोले भाली जनता को बेवक़ूफ़ बनाने का तरिका है
अब मजे की बात देखिये बाबा भी हम किनको कह रहे हैं ,इनमे बड़े बाबा तो २ या ४ ही होंगे जिनको हम बाबा भी कह सकते हैं क्योंकि वो सब अपनी उम्र से स्वास्थ्य से दुनिया दारी के चक्करों से ,कूच कुछ मोह माया से ,निचुड़ से चुके हैं क्योंकि इन्होने अपने जीवन के सभी भोग विलाश प्राप्त कर लिए ,परन्तु अधिकतर बाबा आपको २५ से ४० साल की आयु के मिलेंगे जिन्होंने ना तो ब्रह्मचारी जीवन ही और नाही गृहस्थ जीवन को पूरी तरह से निभाया है और नाही दौलत भूख इनका पीछा छोड़ रही है ,और नाही अहंकार और कामदेव इनका पीछा छोड़ रहे है खाने पीने की भगवान् की क्रपा से इनको कमी नहीं है और यदि कमी बची है तो केवल सुरा मोर सुन्दरियों की ,और सुंदरियां तो इनके पंडालोंमें आ ही जाती है और कोई ना कोई तो इनकी मीठी मीठी चुपड़ी ,लटकी झटकी बातों में आ ही सकती है वैसे भी इनको अपने पैर छुआने में मजा भी खूब आता होगा जबकि हमारे वेड शास्त्र कहते है की किसी भी स्त्री को अपने पति के सिवा और किसी के पैर नहीं छूने चाहिये प़र क्या कहे वहाँ तो मानो पैर छूने की होड़ लगी होती है और फिर दुआ और दवाई भी चाहिए तो उनको आश्रम में जाना भी पडेगा अब वहां क्या होगा वो तो खुदा ही जाने ,
और अब तो देश में इन बाबाओं की बाढ़ सी आई हुई है जो भी थोड़ा गुरु किस्म (चालाक)सा व्यक्ति है जो शब्द जालों के द्वारा जनता को फंसाना जानता है वो ही अब बाबा बनकर अपना बिजनेस शुरू कर देता है और इस क्षेत्र में आय भी इतनी ज्यादा है की इनको चेले चांटे ,पैसा कमाने के लिए पैसा लगाने वाले मुल्क के सभी कोनो खूब मिल जाते हैं अब ये सबसे कमाऊ बिजनेस गिना जाताइ है ,ये ऐसा बिजनेश है की हलद लगे ना फिटकरी रंग चोखा ,अब तो टी वी के चेनल्स प़र भी इन्ही की बाढ़ है ,अत:मेरी सरकार से प्रार्थना है की इनके हिसाब किताब मंगाकर उनकी पूरी जांच पड़ताल करे क्योंकि ये एक एक पंडाल प़र भी लाखों रूपये खर्च कर रहे ,
ये जनता का समय बर्बाद करते है ,यदि देखा जाए तो पर्यावरण भी दूषित करते है जहां इनके पंडाल लगते हैं वहा ट्रेफिक जाम हो जाता है पुलिश वालों का भी इंतजाम करना पड़ता है ये लोग देश की अर्थ व्यवस्था को भी नुक्सान पहुंचाते है क्योंकि देश का करोड़ों रुपया इनके आश्रमों में डेड मणि के रूप में पडा होता है
Sunday, February 28, 2010
होली एक पवित्र त्यौहार
Saturday, February 27, 2010
होली की शुभकामनाये
सभी ब्लोगर्स को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ,होलिका माई आपकी आशाओं ,इच्छाओं आकांक्षाओं को परिपूर्ण कर आपको उन्नति का मार्ग प्रसस्त कर उच्च सिंहासन प़र आसीन कर जगत प्रसिद्धि ,एश्वर्य ,यश मान सम्मान सिरोधार्य करें आपका
कान्ति प्रकाश चौहान
Friday, February 26, 2010
आज २०१० का बजट था
भर्ष्टाचार की शायद कोई हद नहीं है
Thursday, February 25, 2010
अमेरिका रिटर्न के द्वारा वहाँ की कुछ बातें
Saturday, February 20, 2010
किशोरों के लिए कुछ टिप्स
हमेशा बड़े बड़े सपने देखो और उनको अपने जीवन में पूरे करने का भरसक प्रयत्न करो अवश्य पूरे होंगे
टिप्स नम्बर ________२
यदि आप किसी कारण वस् अच्छे नम्बर्स में १२वि पास नहीं कर सके तोभी घबराने की कोई बात नहीं है ,आपको केवल नौकरी करने का मोह छोड़ना होगा और अपना किसी भी प्रकार का या जिस तरह के भी व्यापार में अथवा मेनुफेक्च्रिंग में आपका अपना रुझान हो अथवा आपके पिताश्री यदि कोई भी व्यापार करते है तो उनके ही साथ लग जाओ और दिल लगाकर खूब परिश्रम करो एक दिन आपकी म्हणत रंग लाएगी और आप तरक्की करोगे यदि पिताश्री का व्यापार या फेक्टरी नहीं है या वो बिसिनेस ही नहीं करते तो आप कोई भी कार्य करना शुरू कर दें ,व्यापार से अच्छा तो आजकल कुछ भी नहीं है और जो थोड़ी सी पूँजी से भी स्टार्ट किया जा सकता है व्यापार के बड़े बड़े टायकून नाही तो ज्यादा पड़े लिखे थे और नाही उन्होंने बहुत बड़ी पूँजी लगाकर कार्य किया प़र आज वो देश के जाने माने उद्योगपति हैं इन सबने छोटे मोटे कामों से ही शुरुआत की थी सिर्फ इन्होने जो भी कार्य किया उसमे उनकी पूर्ण लगन थी क्या पता कब पंचर लगाने वाला साइकल और मोटर साइकल बनानी शुरू कर दे ,कब पेट्रोल पम्प प़र तेल भरने वाला कितनी ही तेल कम्पनिओं का मालिक हो जाए तो जूते गांठने वाला जूता फेक्ट्री का मालिक बन जाए पुराने टायर बेचने वाला कार बनाने और टायर बनाने वाली कम्पनी का मालिक हो जाए ,उद्योग जगत ऐसे उदाहरणों से भरा पडा है ,केवल आपको बिजनेस taaikoons की जीवनी पढने की जरुरत है ,और सोचो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता काम तो केवल काम होता है तो मेरे प्यारे बच्चो बस तैयार हो जाओ
टिप्स नंबर _______3
व्यापार करने के लिए कुछ बातें बहुत ही जरूरी हैं इसलिए इन सब बातों की गाँठ बांध लेनी चाहिए यानी के पालन करना जरूरी है १ इमानदारी २ अपनी बात का धनी ३ शेयरिंग समय की पहचान ४ हिम्मत ५ घाटा उठाने की क्षमता ६ प्रभावित करने की कला ७ वक्त की पाबंदी ८ समय की पहचान ९ ग्राहक या आदमी की पहचान १० पेमेंट की समय प़र वापसी ११ अहंकार हीनता १२ विजिटर्स के साथ अच्छा तालमेल १३ शालीनता का व्यवहार यदि इन सभी बातों को याद रखेंगे तो आपका व्यापार दोड़ेगा
टिप्स नंबर ______ ४
जब तक आपका व्यापार पूरी तरह जम ना जाए और इतना ना कमाने लगे की एक भरे पूरे परिवार का खर्चा वहन कर सके ,और थोड़ी बहुत पूँजी भी संजोनी शुरू ना कर दें तब तक शादी ना करे ,जैसे ही आपको लगे की इन सारे कार्यों को करने में सक्षम है तुरंत शादी कर लें ,देखिये शादी की कोई आयु नहीं होती यदि जेब में पैसा हो तो कभी भी शादी कर लो ,यदि जल्दी ही शादी के चक्कर में आ गए तो फिर तो गए काम से ,क्यूंकि शादी के बाद बीबी बच्चौं को भी समय चाहिए ,कहने का तात्पर्य है की करियर पहले और शादी बाद में ,
जब मैं पकिस्तान गया
था अब मैं केवल अकेला ही रह गया था हमारे बाकी साथी पीछे ही छूट गये थे वहाँ के अधिकारियों के नकारात्मक रवैये को देखकर मेरा बुरा हाल हो रहा था ,वो लोग मुझे ऐसे घूर घूर के देख रहे थे जैसे की मैं कोई आदमी ना होकर कोई जानवर हूँ और उनके देश चिड़ियाघर में गलती से आ गया हूँ ,मैं वहां से जब चारों और देखता था तो एक और तो प्रक्रति का हरा हरा नजारा था चारों और हरियाली ही हरियाली दूर दूर तक दिखाई दे रही थी दूसरी और छोटे छोटे गंदे गंदे कच्ची मिटटी के या कच्ची पक्की इंटों से बने घर ,गंदगी का साम्राज्य था उन सबको देखकर मुझे डेल्ही की गन्दी सी एक कालोनी याद आ गयी ,मैंने अपने मन में सोचा की क्या यही स्वरूप है पाक का ,जिसका मतलब भी पवित्र ही होता है ,प़र मुझे इतना दुख वहाँ की गंदगी से नहीं बल्कि वहाँ के अधिकारियों के रवैये से था ,आधी रात के बाद मुझे और कुछ लोग भी वहां थे सबको एक काल कोठरी सी में दाल दिया गया ,परन्तु खाने पीने को कुछ नहीं दिया ,मेरे पास जो कुछ था जिसको की मैं अपने दोस्त के लिए ले गया था उसीको खा पी कर लेट गया ,उन्होंने मुझे एक गंदा सा कम्बल ओड़ने को दे दिया ,जन मैंने कहा की भाई यहाँ पे और कोई अच्छे जगह नहीं है जहां जाकर के मैं सकूं के साथ सो सकूं ,तो एक अधिकारी बोला भाई ये पाकिस्तान है हम यहाँ किसी को अपना जमाई बनाकर नहीं रखते ये कोई साला हिन्दुस्तान नहीं है ,जब उसने मेरे देश को गाली दी तो मेरा खून खौल गया तो मैं कुछ गरम हो गया ,तभी एक अधिकारी ने पूछा अरे क्या हो गया तो वो अधिकारी ने मेरे बाल पकड़ लिए और मुंह को ऊपर को उठाकर बोला ये साला हिन्दुस्तानी है ना अपने आप को बड़ा फन्ने खान समझ रहा है तो वो बोला की इस गधे को शायद ये पता नहीं है की संसार में एक हमारा ही तो मुल्क है जो फन्ने खान है
इसको यहाँ ला में इसका फन्ने खान बन्ना निकालता हूँ और वो मुझे लगभग खींचता हुआ उसके पास ले गया और उसने पहले तो प्यार से बातें की और फिर उसका रुख कडा होता गया ,बोला तुम साले हिन्दुस्तानी अपने आपको समझते क्या हो ,तुम्हारे देश के मंत्री ,पी,एम् ,विदेश मंत्री जहा प़र भी जाते हो हमको ही बदनाम करते हो ,आज मैं बताता हूँ की तुम कितने अच्छे आदमी हो ,ला निकाल अपने कागजात ,मैंने सारे कागज़ उसको दे दिए ,कागज़ देखकर बोला ये तो सारे नकली हैं अच्छा तो ये बात है तू जाली कागजातों को लेकर पाकिस्तान में जासूसी करने आया होगा ,दाल दो साले को अन्दर ,मैं बार बार प्रार्थना करता रहा भाई ये सब कागज़ असली हैं ,इसमें कोई भी नकली नहीं हैं ,अच्छा तो अब तू चेक करना भी हमको सिखाएगा ,इतनी बाते हो ही रही थी तभी जो लोग दिल्ली से मेरे साथ आये थे वो भी आ गए उनमे कुछ पाक के भी थे ,उन्होंने भी मेरे अच्छे होने की सिफारिश की और कहा भाई ये तो नेक बन्दा है और पाकिस्तान में एक अपने दोस्त से मिलने आया है यहाँ की आबोहवा से परिचित होना चाहता है उन लोगो ने मेरी भरपूर मदद करने की कोशिश की प़र उन अधिकारियों नहीं मानी और मुझसे कहा गया की अभी हम तुम्हारे देश के अधिकारियों से बात करते हैं फिर देखेंगे की क्या करना है ,हम्मारे यहाँ के अधिकारियों ने उनको काफी समझाया प़र वो नहीं माने और उन्होंने मुझे उलटा वापस भेज दिया और मैंने अपने देश में आकर सुख चैन की स्वांस ली और भविष्य में कभी भी पाक ना जाने की कसम खा ली
अंत में मैं इस नतीजे प़र पहुंचा की वहाँ की जनता तो हमसे मिलना जुलना बर्ताव रखना चाहती परन्तु वहाँ के सरकारी कारिंदों के दिल और दिमांग प़र हिन्दुस्तानियों के प्रति जहर भरा हुआ है शायद उनको ट्रेनिंग के समय में ही हमारे प्रति अलग से तालीम दी जाती है