Tuesday, March 16, 2010

आज कि दिनचर्या

मुझे आज एक पुलिश विभाग के दफ्तर में सुबह उच्च अधिकारी से मिलने का समय १२ बजे निश्चित था और में वहाँ प़र सही समय प़र पहुँच गया परन्तु उच्च अधिकारी साहब शायद किसी मीटिंग में थे तो कहा गया की आने वाले हैं परन्तु वो आये शाम को ५ बजे और हमसे मिले ५ बजकर ४० मिनट प़र और वो भी जो काम हमने उनसे पूछा तो उन साहब ने १ मिनट में ही हमको यह कहकर टाल दिया की आई ,ओ अभी नहीं है वो कोर्ट गया हुआ है ,उस अधिकारी को काफी कहा की साहब हम सुबह ११ बजे के आये हुए हैं और अब शाम हो गई है कुछ तो आप बता दीजिए प़र साहब तो कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे ,अब देखिये ये कितना अच्छा तरिका हैपुलिश विभाग का जब कि हम ३० किलो मीटर का रास्ता तय करके गए ,
इसी इन्तजार में हमको रात हो गई भूखे , प्यासे थे ही सो आज का हमने माँ शैल पुत्री का उपवास रख लिया जब कि आज मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था ,रास्ते में आते हुए भैरों मंदिर पड़ता है वहाँ भी उनके दर्शन करते चले आये ,दरअसल आज हम ई ,ओ ,डब्लू गए थे

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