Monday, May 3, 2010

हनुमान जी मरघट वाले

आज सुबह हम आर ,एन शर्माजी से ११ बजकर ४० मिनट प़र उनके दफ्तर में मिले ,बातें तो सब ठीक प्रकार से ही हुई प़र लगता था कि जैसे वो कुछ हमसे छुपा रहे थे ,हो सकता है कि जी ,क्यु ,डी का मामला हो ,वो कुछ गिल्टी भी फील कर रहे थे ऐसा उनकी बॉडी लेंगवेज से पता लग रहा था ,जो कुछ उन्होंने पी ,पी के लिए किया हमारा नुक्सान करके उसको उन्होंने कन्फेस किया और भविष्य में हमारी मदद करने का भी वायदा किया ,जो दाग उनके कारण मुझे लगा उसके लिए वो माफ़ी तक ही सिमित रहे ,उसके बाद हम वापस घर आते हुए मंदिर होते आये परन्तु हनुमान जी के दर्शन नहीं हुए क्योंकि मंदिर १० बजे बंद हो जाता है अत:हम बाहर से ही दर्शन करके आ गए और फिर सीधे घर आये

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