Sunday, February 28, 2010

होली एक पवित्र त्यौहार

आज होली का पवित्र त्यौहार था इसलिए हम आज अपने परिवार के साथ घर में ही रहे और भाँती _भाँती के व्यंजन बनवाकर खाए और खूब मस्ती की छानी यद्यपि हमने भांग तो नहीं खाया क्योंकि कुछ लोग सोचते होंगे की मस्ती तो भांग खाकर ही आती प़र ऐसा नहीं है मस्ती तो तभी आती जब आपके परिव्वर के सदस्यौं में आपसी ताल मेल बहुत अच्छा हो और सभी स्वास्थ्य हों ,अहंकार रहित और परस्पर प्रेम की भावना हों खैर अभी तो बच्चे छोटे हैं सो अभी तक सबकुछ सही हिउ है आगे का भगवान् मालिक है ,उसके बाद शाम को होलिका दहन हुआ तो हम भी उसमे सम्मिलित हुए और वहाँ के सभी कालोनी के मित्रों से भी होली बधाई का आदान प्रादान हुआ ,सभी अच्छे लोग है ,कल रंग की होली है देखते है कैसा सुन्दर माहौल होगा ,आपसे भी मेरी प्रार्थना है की कल आप ख़ुशी ख़ुशी ,वात्सल्य से ,अहंकार रहित होकर ,छोटे बड़े का भेद भाव मिटाकर होली के रंग से सरोबार हों और आनंद लें

Saturday, February 27, 2010

होली की शुभकामनाये

सभी ब्लोगर्स को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ,होलिका माई आपकी आशाओं ,इच्छाओं आकांक्षाओं को परिपूर्ण कर आपको उन्नति का मार्ग प्रसस्त कर उच्च सिंहासन प़र आसीन कर जगत प्रसिद्धि ,एश्वर्य ,यश मान सम्मान सिरोधार्य करें आपका

कान्ति प्रकाश चौहान

Friday, February 26, 2010

आज २०१० का बजट था

आज हमारे देश के वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने देश का बजट लोकसभा में पेश किया ,जिसमे देश के सभी वर्गों ,गरीब अमीर ,छते बड़े दुकानदार से लेकर बड़े बड़े उद्योगपतियों का सभी का भरपूर ख्याल किया परन्तु इस बजट से महंगाई की जो मार आम आदमी झेल रहा है उसको रियायत नहीं मिलने वाली और नाही किसी का कोई भला होने वाला आयकर रेशो को ५ लाख तक १० प्रतिशत टैक्स करके जरूर अच्छा किया है प़र रुपया कमाने का तरिका भी बताये मंदी की मार झेल रहे लोगों को खाने के लाले पद रहे है सो वो इतनी आय कहाँ से करेंगे ,ऊपर से उन्होंने पैट्रोल और डीजल के रेट भी कुछ ज्यादा ही बड़ा दिए इससे भी महंगाई और बढेगी ,आम आदमी को तो कोई रियायत नहीं मिली हाँ कुछ रियायत किसानो को लोन प़र ब्याज में कुछ कर दिया दुसरे एक्साइज ड्यूटी २ %और बड़ा दी जोकि लगभग सभी चीजो पे गाज गरेगी ,दुसरे सन १९८५ में मंत्री जी ने ओडिटकी सीमा ४० लाख की थी और उसके बाद आज २४ साल बाद उसकी सीमा ६० लाख की है जब की कम से कम २ करोड़ तो होनी ही चाहिए थी यहाँ प़र मंत्री जी ने शायद हिसाब नहीं लगाया ,चलो अगली बार देखेंगे ,

भर्ष्टाचार की शायद कोई हद नहीं है

मैंने जब दूरदर्शन प़र एक प्रशासनिक अधिकारी की खबर जोकि बम्बई और गोवा के डाक विभाग के सबसे बड़े अधिकारी थे की खंबर सुनी की वो मात्र एक एन .ओ सी देने के लिए २ करोड़ की रिश्वत लेते हुए सी.बी.आई के द्वारा गिरफ्तार किये गए और उनको ३ महीने के लिए जेल भी भेज दिया गया ,हतप्रभ रह गया और सोचने लगा की क्या ये आदमी अगर नाभि पकड़ा जाता तो क्या उस इतने पैसे को क्या खाने की जगह इस्तेमाल करता और उसके बाद २२ बेंक अकाउंट और दिल्ली के आसपास करोडो की संपत्ति ,आखिर इतने रूपये वो क्यों एकत्रित कर रहे था या उनको प्रशासन का भी कोई डर नहीं था ,पहले उनकी शान शौकत थी रूतबा था जिधर को भी जाते होंगे लोग उनको सलाम करते भी ना थकते होंगे ,और वो जवाब देते थक जाते होंगे ,आज पकड़ में आने के बाद तो उनको अपनी अंतरात्मा की आवाज जाननी चाहिए जो उन्होंने पहले नहीं सुनी यदि वो अब पश्चाताप भी कर लेंगे तो शायद उनको जल्दी ही मुक्ति मिल जाए ,ना जाने उन्होंने कितन इ आदमियों का खून चूसा होगा उसका दंड तो उनको मिलेगा ही ,अब उनकी क्या रह गयी ना रुपया बचा ना रूतबा और जेल मिलेगी मुफ्त में ,हमारी प्रार्थना है की इस तरह के लोगो को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि उसको देखने वाले भी कुछ सबक सीख सके ,और अब वो ऐसे फंस जायेंगे की जिन परिवार वालों के लिए वो रिश्वत लेलेकर एश करा रहा थे वो भी कुछ नहीं कर पायेंगे

Thursday, February 25, 2010

अमेरिका रिटर्न के द्वारा वहाँ की कुछ बातें

कुछ दिन पहले मेरे एक मित्र अमेरिका से घूम कर आये हैं ,उनसे मेरी कुछ बातें हुई ,जो अमेरिका का खाका खींचने में सक्षम है ,मैंने उनसे कहा की मैं कभी अमेरिका नहीं गया वहाँ की कुछ बातें मुझे बताओ तो उस समय वो और हम उनकी गाडी से ही जा रहे थे और कार वो खुद चला रहे थे ,,मुंह में पान या गुटका कुछ चबा रहे होंगे ,तो उन्होंने बताया की अमेरिका बहुत सुन्दर है ,अरे साहब वो तो साक्षात स्वर्ग है ,इतनी सफाई की मैं आपको बता नहीं सकता ,कहीं भी सड़क प़र कोई पान या गुटके की पीक नहीं ,और तभी मुन्होने एक भारी सी पीक सड़क पे मार दी मैंने देखा की साड़ी सड़क ही पीक से लाल लाल हो गयी ,अरे साहब वहाँ तो कोई सड़क पे होर्न भी नहीं बजा सकता ,और वो खुद मिनटों के अंतराल से होर्न बजा रहे थे ,कार चलाते हुए सिगरेट भी नहीं पी सकते ,मोबाइल फोन का इस्तेमाल तक कार चालाक नहीं कर सकता ,जब की वो स्वयम अपने फोन से बातें भी करते जा रहे थे ,आप गाडी में बैठकर कुछ खाने पीने के बाद कोई भी वेस्टेज बाहर नहीं फेंक सकते जब की वो स्वयम किला खाकर उसका छिलका भी अपने देश में सड़क पे ही फेंक देते हैं .कार को आप एक निश्चित रफ़्तार से ही चला सकते हैं आपकी गाडी में वो सबकुछ होना चाहिए जो वहाँ के नोर्म्स के अंतर्गत है ,परन्तु उन साहब की गाडी में तो स्टेपनी तक नहीं और गाडी की चलने आवाज कम और उसके बजने की आवाज ज्यादा ,वहाँ भिखारी नाम की तो चीज ही नहीं है ,तभी रेड लाइट प़र कुछ बिखारी बच्चे आ गए तो उन साहब ने उनको पैसे बांटने शुरू कर दिए ,मैंने उनसे कहा की अगर ऐसे ही बच्चे अमेरिका में गाडी चलाते तुम्हारे सामने आ जाते तो क्या तुम उनको कुछ देते ,अरे भाई देते तो पिछली गाडी वाला कम्लेंत कर देता हाँ एक और बात भी है वहाँ की तुम्हारी गाडी के पीछे की गाडी वाला भी तुम्हारी हरकतों प़र ध्यान रखता है और जैसे ही आप कुछ भी गलत करते हैं ,वो आपकी कम्प्लेंट कर देता है ,प़र हमारे यहाँ तो साहब कोई देखता तक नहीं ,मैंने कहा की जितने कार्य आपने अपनी कार में ही कर दिए इतने प़र तो चालान ही चालान ठुक जाते ,हाँ कम से कम १० चालान तो ही जाते और चालानों पे जुर्माना हजारों डालरों में होता ,इतना होता की कार बिकने की नौबत आ जाती ,और यहाँ ,अरे भाई यहाँ कौन देखता है तभी तो तुम जैसे सभी नागरिक ही अपने देश को नरक लोक कहते हैं ,यहाँ का कोई भी नागरिक देश को स्वर्ग बनाने की नहीं सोचता केवल विदेशों का उदाहरण देते हैं प़र उनकी नक़ल तक भी नहीं करते ,जहां दिल में आया गंदगी फैंक दी ,जो भी दिल में आया बस कर दिया ,तो भाइयो हमारी तो आपसे प्रार्थना है की आप लोग खुद अपने देश को स्वर्ग बना कर सफाई रखके सौन्दर्यता प्रदान करे केवल एक्साम्पल ना दें कुछ करके भी दिख्ह्ये तभी विदेशी भी हमारे आकर हमको सभी और देश को स्वर्ग कहेंगे

Saturday, February 20, 2010

किशोरों के लिए कुछ टिप्स

अपने मम्मी पापा के मोह को त्याग कर अपनी स्टडी की किताबों से मोह करो ,और उनको जितना भी पढ़ सकते हो पदों ,बार बार रिविजन करो ,यदि आप ७ बार उनका रिविजन कर लोगे तो फिर पूरी समरी आपके दिमांग में बैठ जायेगी और आप कभी भी कहीं भी परिक्क्षा देने जाओगे तो समझ लो की सफलता आपके कदम चूमेगी ,एक बार बहुत अच्छे नम्बर्स से १२वि की परिक्क्षा पास कर लो सैंकड़ों ओपसन कोर्से और रोजगार के लिए आपके हाथ में होंगी और यदि और भी बड़ा आदमी बन्ना चाहते हो तो ग्रेजुएशन कर लो और फिर किसी एक्साम में बैठने के लिए आप सक्षम हैं जिसके बल प़र आप प्रशासनिक या पुलिश अधिकारी बन सकते है अब आपके सामने बड़ी बड़ी चुनोतियाँ भी मुंह लटकाए कड़ी होंगी
हमेशा बड़े बड़े सपने देखो और उनको अपने जीवन में पूरे करने का भरसक प्रयत्न करो अवश्य पूरे होंगे
टिप्स नम्बर ________२
यदि आप किसी कारण वस् अच्छे नम्बर्स में १२वि पास नहीं कर सके तोभी घबराने की कोई बात नहीं है ,आपको केवल नौकरी करने का मोह छोड़ना होगा और अपना किसी भी प्रकार का या जिस तरह के भी व्यापार में अथवा मेनुफेक्च्रिंग में आपका अपना रुझान हो अथवा आपके पिताश्री यदि कोई भी व्यापार करते है तो उनके ही साथ लग जाओ और दिल लगाकर खूब परिश्रम करो एक दिन आपकी म्हणत रंग लाएगी और आप तरक्की करोगे यदि पिताश्री का व्यापार या फेक्टरी नहीं है या वो बिसिनेस ही नहीं करते तो आप कोई भी कार्य करना शुरू कर दें ,व्यापार से अच्छा तो आजकल कुछ भी नहीं है और जो थोड़ी सी पूँजी से भी स्टार्ट किया जा सकता है व्यापार के बड़े बड़े टायकून नाही तो ज्यादा पड़े लिखे थे और नाही उन्होंने बहुत बड़ी पूँजी लगाकर कार्य किया प़र आज वो देश के जाने माने उद्योगपति हैं इन सबने छोटे मोटे कामों से ही शुरुआत की थी सिर्फ इन्होने जो भी कार्य किया उसमे उनकी पूर्ण लगन थी क्या पता कब पंचर लगाने वाला साइकल और मोटर साइकल बनानी शुरू कर दे ,कब पेट्रोल पम्प प़र तेल भरने वाला कितनी ही तेल कम्पनिओं का मालिक हो जाए तो जूते गांठने वाला जूता फेक्ट्री का मालिक बन जाए पुराने टायर बेचने वाला कार बनाने और टायर बनाने वाली कम्पनी का मालिक हो जाए ,उद्योग जगत ऐसे उदाहरणों से भरा पडा है ,केवल आपको बिजनेस taaikoons की जीवनी पढने की जरुरत है ,और सोचो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता काम तो केवल काम होता है तो मेरे प्यारे बच्चो बस तैयार हो जाओ
टिप्स नंबर _______3
व्यापार करने के लिए कुछ बातें बहुत ही जरूरी हैं इसलिए इन सब बातों की गाँठ बांध लेनी चाहिए यानी के पालन करना जरूरी है १ इमानदारी २ अपनी बात का धनी ३ शेयरिंग समय की पहचान ४ हिम्मत ५ घाटा उठाने की क्षमता ६ प्रभावित करने की कला ७ वक्त की पाबंदी ८ समय की पहचान ९ ग्राहक या आदमी की पहचान १० पेमेंट की समय प़र वापसी ११ अहंकार हीनता १२ विजिटर्स के साथ अच्छा तालमेल १३ शालीनता का व्यवहार यदि इन सभी बातों को याद रखेंगे तो आपका व्यापार दोड़ेगा
टिप्स नंबर ______ ४
जब तक आपका व्यापार पूरी तरह जम ना जाए और इतना ना कमाने लगे की एक भरे पूरे परिवार का खर्चा वहन कर सके ,और थोड़ी बहुत पूँजी भी संजोनी शुरू ना कर दें तब तक शादी ना करे ,जैसे ही आपको लगे की इन सारे कार्यों को करने में सक्षम है तुरंत शादी कर लें ,देखिये शादी की कोई आयु नहीं होती यदि जेब में पैसा हो तो कभी भी शादी कर लो ,यदि जल्दी ही शादी के चक्कर में आ गए तो फिर तो गए काम से ,क्यूंकि शादी के बाद बीबी बच्चौं को भी समय चाहिए ,कहने का तात्पर्य है की करियर पहले और शादी बाद में ,

जब मैं पकिस्तान गया

मुझे पाकिस्तान जाने का सोभाग्य प्राप्त हुआ और वो भी बस के द्वारा ,बस से उतर कर जब हम बोर्डर लाइन प़र पहुंचे तो वहाँ प़र हमारे देश के सैन्य अधिकारियौं के द्वारा फूल मालाओं सहित हमारा स्वागत हुआ ,बहुत अच्छा भी लगा उन्होंने हमारे आवश्यक कागजात चेक करके हमको पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया ,हम सब सोच रहे थे की अब यहाँ के अधिकारी भी हमारा स्वागत उसी तरह से करेंगे जैसे की हमारे देश के अधिकारियौं ने किया था ,परन्तु हुआ ठीक उलटा ,उन लोगों ने हमको एक कांटेदार बाड़े जिसके चारों और लोहे के तार लगे थे ,धकेल दिया और हमसे कहा गया की अन्दर दफ्तर में जाकर अपने कागजात चेक कराओ और जब उनकी आज्ञा मिले तो पाकिस्तान के अन्दर प्रवेश करना .वहाँ के अधिकारियों ने हमको शाम तक किसी को भी बाड़े से बाहर नहीं निकाला भूख और प्यास से हमारा हाल बुरा था ,प़र किसी ने भी हमसे पानी तक नहीं पूछा ,मैं किसी प्रकार एक और यात्री के साथ छुपकर बाड़े से बाहर निकल कर उनके दफ्तर में गया तो वहां कोई अधिकारी मौजूद नहीं
था अब मैं केवल अकेला ही रह गया था हमारे बाकी साथी पीछे ही छूट गये थे वहाँ के अधिकारियों के नकारात्मक रवैये को देखकर मेरा बुरा हाल हो रहा था ,वो लोग मुझे ऐसे घूर घूर के देख रहे थे जैसे की मैं कोई आदमी ना होकर कोई जानवर हूँ और उनके देश चिड़ियाघर में गलती से आ गया हूँ ,मैं वहां से जब चारों और देखता था तो एक और तो प्रक्रति का हरा हरा नजारा था चारों और हरियाली ही हरियाली दूर दूर तक दिखाई दे रही थी दूसरी और छोटे छोटे गंदे गंदे कच्ची मिटटी के या कच्ची पक्की इंटों से बने घर ,गंदगी का साम्राज्य था उन सबको देखकर मुझे डेल्ही की गन्दी सी एक कालोनी याद आ गयी ,मैंने अपने मन में सोचा की क्या यही स्वरूप है पाक का ,जिसका मतलब भी पवित्र ही होता है ,प़र मुझे इतना दुख वहाँ की गंदगी से नहीं बल्कि वहाँ के अधिकारियों के रवैये से था ,आधी रात के बाद मुझे और कुछ लोग भी वहां थे सबको एक काल कोठरी सी में दाल दिया गया ,परन्तु खाने पीने को कुछ नहीं दिया ,मेरे पास जो कुछ था जिसको की मैं अपने दोस्त के लिए ले गया था उसीको खा पी कर लेट गया ,उन्होंने मुझे एक गंदा सा कम्बल ओड़ने को दे दिया ,जन मैंने कहा की भाई यहाँ पे और कोई अच्छे जगह नहीं है जहां जाकर के मैं सकूं के साथ सो सकूं ,तो एक अधिकारी बोला भाई ये पाकिस्तान है हम यहाँ किसी को अपना जमाई बनाकर नहीं रखते ये कोई साला हिन्दुस्तान नहीं है ,जब उसने मेरे देश को गाली दी तो मेरा खून खौल गया तो मैं कुछ गरम हो गया ,तभी एक अधिकारी ने पूछा अरे क्या हो गया तो वो अधिकारी ने मेरे बाल पकड़ लिए और मुंह को ऊपर को उठाकर बोला ये साला हिन्दुस्तानी है ना अपने आप को बड़ा फन्ने खान समझ रहा है तो वो बोला की इस गधे को शायद ये पता नहीं है की संसार में एक हमारा ही तो मुल्क है जो फन्ने खान है
इसको यहाँ ला में इसका फन्ने खान बन्ना निकालता हूँ और वो मुझे लगभग खींचता हुआ उसके पास ले गया और उसने पहले तो प्यार से बातें की और फिर उसका रुख कडा होता गया ,बोला तुम साले हिन्दुस्तानी अपने आपको समझते क्या हो ,तुम्हारे देश के मंत्री ,पी,एम् ,विदेश मंत्री जहा प़र भी जाते हो हमको ही बदनाम करते हो ,आज मैं बताता हूँ की तुम कितने अच्छे आदमी हो ,ला निकाल अपने कागजात ,मैंने सारे कागज़ उसको दे दिए ,कागज़ देखकर बोला ये तो सारे नकली हैं अच्छा तो ये बात है तू जाली कागजातों को लेकर पाकिस्तान में जासूसी करने आया होगा ,दाल दो साले को अन्दर ,मैं बार बार प्रार्थना करता रहा भाई ये सब कागज़ असली हैं ,इसमें कोई भी नकली नहीं हैं ,अच्छा तो अब तू चेक करना भी हमको सिखाएगा ,इतनी बाते हो ही रही थी तभी जो लोग दिल्ली से मेरे साथ आये थे वो भी आ गए उनमे कुछ पाक के भी थे ,उन्होंने भी मेरे अच्छे होने की सिफारिश की और कहा भाई ये तो नेक बन्दा है और पाकिस्तान में एक अपने दोस्त से मिलने आया है यहाँ की आबोहवा से परिचित होना चाहता है उन लोगो ने मेरी भरपूर मदद करने की कोशिश की प़र उन अधिकारियों नहीं मानी और मुझसे कहा गया की अभी हम तुम्हारे देश के अधिकारियों से बात करते हैं फिर देखेंगे की क्या करना है ,हम्मारे यहाँ के अधिकारियों ने उनको काफी समझाया प़र वो नहीं माने और उन्होंने मुझे उलटा वापस भेज दिया और मैंने अपने देश में आकर सुख चैन की स्वांस ली और भविष्य में कभी भी पाक ना जाने की कसम खा ली
अंत में मैं इस नतीजे प़र पहुंचा की वहाँ की जनता तो हमसे मिलना जुलना बर्ताव रखना चाहती परन्तु वहाँ के सरकारी कारिंदों के दिल और दिमांग प़र हिन्दुस्तानियों के प्रति जहर भरा हुआ है शायद उनको ट्रेनिंग के समय में ही हमारे प्रति अलग से तालीम दी जाती है

Friday, February 19, 2010

काम करो कुछ भी करो खाली मत बैठो ,किस्मत साथ देगी

हमारा प्रापर्टी का काम भी है ,अचानक मुझे एक दिन किसी व्यक्ति का आसाम से फोन आया कि हम संसार में कहीं भी जमीन खरीदना चाहते हैं ,हमने कहा क्या भाई आप चाँद पे भी जमीन खरीद सकते है उन्होंने कहा कि क्योँ नहीं ,जहां भी आप हमको जमीं दिलवाएंगे हम तो वहीँ पे खरीद लेंगे प़र शर्त ये है कि जमीन साफ़ सुथरी और अच्छी होनी चाहिए और किसी के अधीनस्थ भी ना हो ,हम समझ गए कि उन को कौन सी जमीन बेचनी है ,इस तरह उनको हमने बुला लिया और वो अपना एक ३०या ३२ आदमियों का डेलिगेट लेकर आ गए ,हमने उनके साथ एक मीटिंग भी रक्खी और विचारार्थ के बाद मैंने ललित को कहा कि भाई इनको बोली लगाकर प्लाट बेचो ,ललित ने आवाज लगाकर बिड कि शुरुआत कि और एक प्लाट बेच दिया प़र ये नहीं बताऊंगा कि कितने रूपये में बेचा अगर ये बात आयकर विभाग को पता लग गयी तो वो मेरा बाजा अवश्य बजा देंगे ,अभी उन्होंने २९ प्लाट खरीदने का वायदा और किया है अब उनसे अगली मुलाक़ात ३० फ़रवरी को होनी है

हमारा आत्मविश्वास

मैं और मेरी बेटी अरुणा शंकर रोड के बियाबान जंगल में से गुजर रहे थे उस समय हमारे पास कोई वेहिकल भी नहीं था उस समय हम दोनों में दूरी लगभग ५० मीटर होगी अचानक एक बब्बर शेर झाड़ियों के बीच में से निकल कर मेरे सामने लगभग ४ मीटर की दूरी प़र आ जाता है परन्तु उसे देखकर मुझे डर बिलकुल भी नहीं लगा और मैंने यह सोचना प्रारम्भ कर दिया की उससे बचाव कैसे किया जाय ,अचानक उस शेर ने इतनी जोर से पेशाब आ किया की मेरी एक टांग उसके पेसाब से भीग गयी तभी मुझे बचपन की बात याद आई की अगर कोई शेर पेशाब करता है और उससे किसी का शारीर या उसका कोई अंग भीग जाता है तो वो फिर अपने शिकार को नहीं छोड़ता जैसे ही मैंने ऐसा सोचा तो मुझे अरुणा का ध्यान आ गया तो मैंने अरुणा की और देखकर कहा की वो भाग जाए क्यूंकि ये शेर अब मुझे तो छोड़ेगा नहीं परन्तु अरुणा वहाँ से नहीं गयी और तभी उसके पास की झाड़ियों में से एक शेर और निकल कर आ गया ,मैंने अरुणा को कहा की शेर से बचकर एक साइड में हो jaay

Thursday, February 18, 2010

रोजमर्रा एक और नए ब्लॉग की शुरुआत

आज मैं अति प्रसन्न हूँ क्योंकि मैंने आज एक और नए ब्लॉग की शुरुआत की है और इसका उदघाटन भी मैं स्वयम कर रहा हूँ क्योंकि मेरी इतनी ओउकात तो है नहीं की मैं किसी मंत्री या संत्री को बुलवाऊँ वैसे तो हमारे देश के मंत्री या मुख्यमंत्री अथवा परधान मंत्री कोई भी आसानी से तो आजकल नहीं आ सकते क्यूंकि आजकल चुनाव का समय नहीं है प़र फिर भी मैंने कुछ दिन पहले ही खबर पड़ी थी की भूतपूर्व केन्द्रीय रेलवे मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव जी भी उदघाटन करते घूम रहे है वैसे लालू जी हैं बहुत अच्छे आदमी ,मनमोहक हैं आनंददायक हैं और उनकी भाषा का तो बस जवाब ही नहीं इसीलिए मैं तो उनका फेन हूँ वैसे में उन्दे मिला तो हूँ प़र अच्छी तरह से नहीं इस बार जब भी मिलूंगा अच्छी तरह से ही मिलूंगा ,तो भाई आप सब भी मेरे ब्लॉग प़र आमंत्रित है एक बार आपके साथ भी बैठकर चाय पानी पी लेंगे ,धन्यवाद सहित