Friday, July 30, 2010

हाई कोर्ट के जजों कि रिटायरमेंट कि आयु अब ६२ से ६५ वर्ष

अब हाई कोर्ट के जजों कि रिटायरमेंट कि आयु ६२ वर्ष से ६५ वर्ष कर दी गई है ऐसा मेरे संज्ञान में आया है ,वैसे तो ये काफी हद तक सही भी है क्योंकि इन जजों के एक्सपीरिएंस का फायदा शायद देश कि जनता को मिले ,जिससे कि कोर्ट्स में पड़े कितने ही पेंडिंग केसेस जल्दी जल्दी निबटाए जा सकेंगे .

महंगाई को हंगामा संसद में ,

आज पांचवें दिन भी महंगाई को लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ ,प़र मुझे समझ नहीं आती कि वहाँ प़र हंगामा करने से क्या महंगाई खत्म हो जायेगी ,इस महंगाई के लिए मैं नहीं समझता कि सरकार ही दोषी है इस सब के लिए सभी देशवासी भी उतने ही जिम्मेदार हैं जितनी के सरकार ,दाल चीनी और गेंहूँ कि बात तो समझ आती है प़र आलू ,अरबी ,गोभी ,प्याज यानी कि सब्जी भाजी के लिए कौन सा मंत्री आकर सब्जी बेच रहा है ,हाँ रिलाएंस जरूर सब्जी आदि बेचता है प़र उसके रेट गली के सब्जी वेंडर से सस्ते होते हैं ,और उसके लिए नाही शरद पवार जी ,सुगर कि तरह पहले ही भाषण दे रहे कि भाई वो तेज हो जायेगी ,जबकि वास्तविकता ये है कि आज हमारे देश का प्रत्येक आदमी ,तनखा तो चाहता है ४०००० रूपये प़र आलू प्याज गोभी ,चाहता है ,१० रूपये किलो जो कि आज से चार साल पहले था ,अरे भाई कभी कुछ किसान को भी खाने दो ,
वरना वो तो भूखे पेट ही मर जाएगा ,
मेरे हिसाब से तो महंगाई का शोर मचा मचा कर केवल संसद का कीमती समय बर्बाद किया जा रहा है ,

Tuesday, July 27, 2010

आज जहांगीरपुरी में पी .पी कि कलेद्रों कि तारीख थी

आज जहांगीरपुरी ऐ ,सी ,एम् ,कोर्ट में पी ,पी ,और उसके दोनों बेटों कि कलंदरों की तारीख थे ,हम तो आज देखने नहीं गए बल्कि अपने वकील को ही बोल दिया था की वो देख ले ,अब आज क्या हुआ क्या नहीं कल वकील से पूछेंगे ,तभी पता लगेगा की कितने दिन के लिए इन तीनों बाप बेटों से बोंड भरवाए गए ,चलो जो भी हुआ होगा ,अच्छा नहीं हुआ होगा ,मैं तो ईश से प्रार्थना करूंगा की वो इनको सद्बुद्धि दे ,बाकी कल -------

Monday, July 26, 2010

खाप ( पंचायत ) का फैसला,संविधान में बदलाव हो |

जी हाँ आज खाप,पंचायत ने फैसला किया है कि एक गोत्र में ,और एक गाँव में लड़के लड़कियों कि शादी नहीं हो सकती क्योंकि वो दोनों ही स्थिति में भाई बहन हैं ,चाहे दोनों कि बिरादरी भी अलग क्यों ना हो ,क्योंकि हम गाँव के लोगों को संस्कार में यही मिला है ,और हम सब कुछ बदल सकते हैं प़र अपने संस्कारों कि ह्त्या होते नहीं देख सकते ,यदि इसके लिए हम सभी गाँव वालों को कुर्बानियां भी देनी पडीं तो देंगे ,प़र भाई बहन के रिश्ते को पति पत्नी के रूप में नहीं देख सकते
यदि संविधान के अंतर्गत कहीं प़र ऐसा प्रावधान है तो सरकार को संविधान में संसोधन करना पडेगा और करना भी चाहिए क्योंकि ये केवल एक कोमुनिटी का सवाल नहीं है बल्कि हमारे गाँवों का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो किसी भी जाति का है ,इन विचारों से सहमत है ,यद्द्य्पी हम जानते है कि मुसलमान जाति में केवल दूध का बचाव करके शादी की जाति है ,प़र आज वो भी समझ्न इ लगे हैं कि एक ही परिवार में शादी करने के क्या क्या दुष्परिणाम होते है इसलिए वो भी हमारा समर्थन करते हैं
सरकार को याद रखना चाहियें कि आज भी देश कि आबादी का ७० % हिस्सा गाँवों में ही रहता है ,इसलिए जो भी नेता .सामाजिक कार्यकर्ता ,या कार्यकर्त्री ,हमारे संस्कारों प़र कुठाराघात करेगा ,या हमको सबक पढ़ायेगा तो उनको भी मुहकी खानी पड़ेगी ,और सरकार को bhi परेशानियों kaa सामना करना पद सकता है
मेरे अपने विचारों me खाप का ye फैसला उचित है और main भी uskaa समर्थन करता hun

Sunday, July 25, 2010

दिल्ली में आतंक का माहौल

पिछले कुछ समय से दिल्ली में त्राहि -त्राहि मची हुई है ,प्रितिदीन चोरी ,डकेती ,चैन स्नेचिंग ,दिन दहाड़े घरों में चोरों का घुस जाना ,सड़क प़र चलते आदमी को लूटना और फिर गोली भी मार देना ,आखिर ऐसा क्यों हो रहा है इसके बारे में सोचने का किसी के पास भी टाइम कहाँ है ,आखिर कौन हैं ये लोग ,या दिल्ली पुलिश क्या कर रही है ,जो सड़कों प़र घुमते मोटर साइकिल सवारों को भी नहीं पकड़ पा रही ,जब कि पहले तो पुलिश वालों कि कमी का रोना भी रोया जा रहा था ,अब तो २२००० पुलिश वाले और दिल्ली पुलिश में जुड़ गए है परन्तु इसके बावजूद भी घटनाओं और दुर्घटनाओं का ग्राफ बढता ही जा रहा है ,इसको रोकने में दिल्ली पुलिश सक्षम नहीं है है ,लो एंड आर्डर नाम का कुछ बचा नहीं है ,क्या जनता इसी तरह से लुटती पिटती या मरती रहेगी ,क्या पुलिश कमिश्नर डडवाल साहब के पास इसका इलाज है ,वैसे हमारे कमिश्नर साहब कहते हैं कि ये लुटेरे लगभग ९४ % तक नए चेहरे हैं ,कहने का तात्पर्य है कि दिल्ली पुलिश ने पुराने सभी बदमाश ख़त्म कर दिए या जेलों में बंद है ,और वो साथ में एक बात और भी कहते हैं कि दिल्ली में क्राइम पहले कि तुलना में बहुत कम है ,कितने अच्छे आंकड़े है हमारी दिल्ली पुलिश के ठीक अपनी सरकार कि तरह ,प़र वास्तविकता ये है कि जनता के पास काम नहीं है उनका काम सरकार ने छीन कर बड़े बड़े घरों को दे दिया है ,जब सब्जी भाजी तक बी ही मुकेश अम्बानी और दुसरे बड़े घर बेचेंगे तो भला छोटे मोटे वेंडर क्या करेंगे ,जब भूखे मरेंगे तो छीना झपटी ही करेंगे .

Friday, July 23, 2010

वित्त मंत्री जी कहते हैं ,

हमारे वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी साहब कहते हैं कि ( जी .एस .टी )गुड्स एंड सर्विस टेक्स से जनता कि यानी के कंजूमर्स कि होगी वल्ले वल्ले "क्योंकि तब टेक्स कम देना पडेगा ,ऐसा उन्होंने एक उदाहरण देकर भी समझाया ,
परन्तु हमारे हिसाब से तो वल्ले वल्ले क्या होगी उलटा एक्साइज भी कंजूमर को फ्री में भरनी पड़ेगी ,जिससे कि बाजार में तेजी होने के ज्यादा आसार होंगे जिसमे कंजूमर ही पिसेगा ,हाँ इतना जरूर है दोनों सरकारों यानी के स्टेट और सेन्ट्रल के मजे जरूर आ जायेंगे ,क्योंकि इससे सरकार का खर्चा जरूर बचेगा ,क्योंकि आज तो है कमाई आठ आना और खर्चा रुपैया ,प़र फिर होगा कमाई रुपया और खर्चा आठ आना ,
कुछ भी कर लो जनता तो हमेशा बेवकूफ ही बनती है और आगे भी बनती रहेगी ,

Wednesday, July 21, 2010

दिल्ली जलबोर्ड

कल और आज दिल्ली में जगह जगह दिल्ली जलबोर्ड के पानी को लेकर प्रदर्शन और आन्दोलन हुए ,मीडिया भी दिल्ली जलबोर्ड कि तारीफ़ चस्के के साथ अच्छी तरह से टी ,वी ,चनलों प़र दिखा दिखा कर जनता कि वाहवाही लूट रहा था ,जो पानी बोतलों में भर भर के दिखा रहे थे उनको देखकर तो लगता था कि दिल्ली जलबोर्ड वास्तव में बधाई का पात्र है उसके लिए इस संस्थान कि जितनी तारीफ़ कि जाए थोड़ी ही है ,और उस पानी में गंदगी के साथ साथ जो कीड़े बुलबुला रहे थे उनको देखकर भी ऐसा लग रहा था कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी बहुत दयालु हैं जो कि आदमियों और पशुओं के साथ साथ कीड़ों का भी भरपूर ख़याल रखते हैं ,
वैसे पानी देखने में ऐसा लगता था जैसे कि गोलगप्पों का पानी हो और दिल्ली वाले बजाय गिलास या कटोरों के यदि थोड़ा सा नमक और मिला कर गोलगप्पों में भरकर पी लें तो शायद जनता को बिमारी लगने के बजाय ,पेट कि सारी बीमारियों का इलाज ही हो जाएगा ,और डाक्टर के पास जाने कि भी जरूरत नहीं पड़ेगी ,
बहुत बहुत धन्यवाद दिल्ली जल बोर्ड , दिल्ली वासी आपको हमेशा याद रखेंगे ,

Tuesday, July 20, 2010

सी ,बी, आई ,ने आज क्या बताया ?

सी ,बी ,आई के प्रवक्ता के द्वारा की गई टिप्पड़ी आज के समाचार पत्र नवभारत टाइम्स में छापा कि दिल्ली में भ्रष्टाचार के लिए( दिल्ली पुलिश )को नंबर १ से नवाजा गया और( एम् ,सी ,डी) को नंबर २ से ,
मेरे हिसाब से ये दोनों विभाग ही देश कि तरक्की के लिए शायद धन्यवाद के पात्र हैं ,इन दोनों विभागों को इस बार १५ अगस्त को मेदल्स से विभूषित किया जाना चाहिए

Monday, July 19, 2010

बेल की तारीख १७ जुलाई २०१०

आज बेल कि तारीख सेसन कोर्ट (संजय कुमार )की अदालत में थी ,आज कोई ख़ास काम तो नहीं हुआ ,केस को देखते ही जज ने कहा कि मिडीएशन भाइयों के केस में सफल नहीं होती वो तो महाभारत ही चाहते हैं और ऐसा ही होता भी है ,मैं भी पिछले ३ वर्षों से मिडीएशन करा रहा हूँ प़र कुछ नहीं होता ,चलो केस को मेंरीट पे लगा कर सुनवाई के लिए लगा देता हूँ ,और अगली डेट ११ ऑगस्ट मुक़र्रर कर दीं ,

Tuesday, July 13, 2010

प्रेम वाली रिट कि हाई कोर्ट में तारीख १३ जुलाई २०१०

कल हाई कोर्ट में प्रेम वाली रिट कि डेट थी ,उसमे प्रेम ने रिजोइंदरदाखिल करना था जो नहीं किया और कोर्ट ने उसे ५ हफ्ते में दाखिल करने के लिए कह दिया है ,और अगली डेट ९ सेप्टेम्बर मुकर्र कर दी ,न्यायाधीश एस ,एन अगरवाल ने हमको भी ३००० रुपया जमा करने के लिए कहा है ,जो जल्दी ही करने हैं ,

Saturday, July 10, 2010

मनी (धन ,पैसा ) की परिभाषा क्या है ?

एक प्रमुख अर्थशास्त्री ने मनी कि परिभाषा इस प्रकार कि है "मनी इज ऐ मैटर फंक्शन फॉर ,ऐ मीडियम ,ऐ मीसर , ऐ स्टेंडर्ड ,ऐ स्टोर "प़र क्या आप अब ये जानते हैं कि ये परिभाषा आज भ्रष्टाचार के युग में बदल चुकी है ,अब आज कि नयी परिभाषा ये है "मनी इज ऐ मैटर फंक्शन फाइव ,ऐ मीडियम ,ऐ मीसर ,ऐ स्टेंडर्ड ,ऐ स्टोर और ब्राइब "क्या आप उपरोक्त परिभाषा से सहमत हैं तो अपने विचार लिखें

Friday, July 9, 2010

क्या कोई अपना अनुभव बता सकता है ?

ज्यादातर बावा और स्वयम को योगी कहने वाले लोग हमेशा कहते हैं कि हे भगवान् हमको या सबको मोक्ष दे देवे क्योंकि बार बार माँ के गर्भ में ९ महीने तक रहने में बड़ा कष्ट होता है ,यद्यपि सभी लोग माँ के गर्भ से ही पैदा होते है और ९ महीने अन्दर भी रहते है ,और में भी माँ के गर्भ में ही ९ महीने रहकर आया हूँ ,प़र गर्भ में रहने के दौरान मुझे तो उस समय ऐसा कभी फील नहीं हुआ कि मुझे कोई दुःख है क्योंकि में तो उस समय शायद सुसुप्त अवस्था में था और प्रत्ये प्राणी कि भी वो ही दशा होती है जैसी कि मेरी ,
अब सवाल ये है कि क्या भारत कि जनता में क्या कोई ऐसा स्त्री या पुरुष है जिसने गर्भ में रहते हुए बाबाओं कि कथनानुसार फील किया हो यदि ऐसा हुआ है तो क्रप्या इस ब्लॉग प़र लिखे

गणेश जी कि मूर्ति

आज सुबह सुबह मेरे हाथो से सफाई करते हुए श्री गणेश जी कि मूर्ति गिर कर टूट गई ,मेरी वाइफ कहती है कि अशगुन हो गया अब देखते हैं क्या होगा ,सम्पूर्ण दिन कैसा बीतेगा ,

Wednesday, July 7, 2010

४/७/२०१० को राजा बुन्देला से मिले

हम लोग रविवार को राजा बुन्देला फिल्म एक्टर से बंगाली मार्किट में एक काफी हाउस में मिले ,हमने एक एक काफी ली ,और किसी मुद्दे प़र डिस्कस भी किया ,वो एक अच्छे और समझदार व्यक्ति हैं ,उनसे मिलकर अच्छा लगा और भविष्य में भी मिलने का वायदा किया .

Friday, July 2, 2010

आखिर इतने दिन बाद क्यों ?

सभी ब्लॉगर भाई सोच रहे होंगे कि आखिर इतने दिन तक मैं कहाँ रहा और ब्लॉगर प़र लिखना क्यों छोड़ दिया तो भाइयो मैं आपको बता दूँ मेरे अपनों ने जिनमे मेरी सोतेली माँ ,२ छोटे भाई और एक बहन जिन सब को पाल पोश कर मैंने बड़ा किया उनकी शादियाँ ,उनको बिजनेस ,उनको चुनाव आदि लड़ाकर ,नेता बना कर ,यानी के अपने पिताजी कि म्रत्यु के बाद सम्पूर्ण घर का भार उठाया और गरीबी कि रेखा से ऊपर उठाकर इस काबिल बनाया कि वो एक अच्छे समाज में बैठ सके और अच्छे आदमी बन सके का भार उठाया प़र वो बजाय अच्छे बन्ने के घटिया ही बने रहे ,उनको मैंने अपना सर्वस्व तक दे दिया ,ले देकर एक मकान और इज्जत बची थी उसको भी वो छीनने कि फिराक में लगे रहते है ,दुसरे वो चाहते हैं कि मुझे कहीं ना कहीं फंसा कर रखें ताकि मैं उन्नति ना कर सकूँ और उनका असरिया बना रहूँ इस लिए उन अपने परिवार के लोगों ने मिलकर मुझे ससुराल भेज दिया था सो मई वहाँ प़र कुछ दिन बिता कर आया हूँ दुसरे आप जानते हैं कि ससुराल कि खुमारी आसानी से उतरती नहीं इसलिए मैं आपसे भी संपर्क ना कर सका वैसे उनका इरादा अभी भी मुझे दोबारा ससुराल भेजन इ का है क्योंकि मैं अपना मकान और इज्जत उनकी भेंट चदानी नहीं चाहता प़र उन सबकी कोशिस यही है कि वो किसी भी तरह शाम दाम दंड भेद से ये घरोंदा मुझसे छीन लें ,इस बारे में मेरा एक शेर है "मेरे अपने लगे रहे सदा इसी फ़िराक में ,जलता रहूँ मैं हमेशा बाटी जले चिराग में "Show