आज प्रेम और उसके दोनों बेटो के ऐ ,सी,पी,कोर्ट जहांगीरपुरी में कलंदरों कि तारीख थी तो उन्होंने शिकायत करता मधु चौहान और मीनाक्षी चौहान को भी अपने ब्यान देने के लिए बुलाया था तो जब मजीस्ट्रेट साहब आये और उनके सामने पेश हुए तो उनकी वकील जो भी बोल रही थी वो सब झूठ था ,खैर मीनाक्षी ने साहब को जब एल ,जी साहब का ऑर्डर दिखाया तो उसने कागज़ आगे बढ़ा दिए और कहा कि ब्यान दर्ज कराओ ,और जब ब्यान दर्ज करा रहे थे तो हम सबको तो बाहर निकाल दिया और मीनाक्षी का ब्यान दर्ज करने लगा परन्तु प्रेम ,उसका वकील और मनीष उसके सामने खड़े होकर बराबर उसको घूर रहे थे ,ये सब मैंने अन्दर कमरे में जाकर देखा तो आई ,ओ को कहा कि आप इन सभी विरोधी मेंबर को भी तो बाहर निकालो .परन्तु वो मुझको समझाने लगे तो उसकी वकील बोली कि मैं इनकी वकील हूँ ,मैं बाहर नहीं जाऊँगी मैंने कहा कि शायद ऐसा कोई क़ानून नहीं है ,मैंने कहा आप चुप रहिये वो इतना कहते ही भभक उठी और बोली तू क्या मुझे गोली मार देगा और क्या कर लेगा मेरा ,मैंने कहा कि मैं गोली क्यों मारूंगा ,इसके बाद मई चुप हो गया और आई ,ओ बाहर आ गए वहाँ आकर फिर कुछ बोलने लगी मैं भी चुप ना रह सका और मेरी वकील से काफी तू तू मैं मैं हो गयी ,और फिर आई ,ओ ने हमको १८ /६/१० शुक्रवार कि तारीख दे दी और हम घर वापिस आ गए ,मुझे पता नहीं था कि वो इतनी गन्दी ओरत है वरना मैं उसके मुंह ही नहीं लगता ,
जब हम १८ जून १० को जहांगीरपुरी पुलिस कोर्ट गए तो हम पहले ही वहाँ के आई ओ को मिले और उसको सारी बात समझा दी ,उस दिन आराम से मीनाक्षी और उसकी मम्मी के ब्यान आसानी से दर्ज कर लिए गए यद्यपि प्रेम और उसके वकील ने कुछ व्यवधान डालने का प्रयत्न भी किया प़र आई .ओ कि सूझ बुझ से से सब कुछ सही हो गया ,उसके बाद अगली तारीख २७जुलाइ १० दे दी गयी ,
Monday, May 24, 2010
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