Thursday, May 28, 2015

मात्र मुस्कुराना
देखकर
किसी यौवना का 
जो उन पर फ़िदा
हो जाते हैं ,
वो खुद
एक दिन
खुद को
महा बेवक़ूफ़
बताते हैं 

Thursday, May 21, 2015

बदलाव

हमारे देश की
प्रकृति ,प्रवृति
और प्रसूति भी
अजब की विभूति है ,
जब प्रकृति में
परिवर्तन आता है तो 
आँधियाँ चलती हैं 
ओले गिरते हैं
तूफ़ान आते हैं और
महा वृक्ष धराशाई हो जाते हैं ,
जब यहाँ की प्रवृति
परिवर्तन चाहती है तो
जनता के विचार
स्वत् :परिव्रत हो जाते हैं
और जिसको भी चाहा
उसे राजा बना देते हैं ,
जब प्रसूति
परिवर्तन चाहती है तो
एक एक के घर में
दस दस हो जाते हैं
और धीरे धीरे बहुत बदला
अब एक में एक ही नजर आते हैं |













Tuesday, May 19, 2015

दुहेजियां की घोड़ी
जितनी उछले उतनी थोड़ी
चाहे सफ़ेद ,लाल हो
या काली थोड़ी थोड़ी
बिदकने लगती है
चढ़ते ही ड्योढ़ी   |
तो मित्रों आपका ख्याल है ,जरूर लिखना ,

Monday, May 18, 2015

एक कहावत

एक कहावत है ,
माँ गोबर पाथती घूम रही है ,
बेटा  बिटोरे बख्श रहा है  ,
ठीक यही हाल आज भारतवर्ष का है ,देश में पैसा नहीं है ,किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योँकि वो सरकार के या धन्नासेठों के कर्ज में डूब रहे हैं ,मोदी सरकार उन बेचारे किसानों की तो सुन नहीं रही है जिनके प्रयत्नों से खेती करके हमारे देश की जनता पल रही है ,और हमारी सरकार ब्याज तक भरने के लिए बाहरी मुल्कों से कर्जा ले रही है ,और उसके बावजूद हमारे आदरणीय P M श्री नरेंद्र मोदी जी "नार्थ कोरिया " जैसे मुल्क को " १ अरब  डॉलर यानी कि लगभग १०० करोड़ डॉलर ,लगभग ६ हजार ४ सौ  करोड़  रूपये का कर्जा बाँट कर आ रहे हैं हैं ना मजे कि बात ,धन्य हैं हमारे देश के दयालू P M ,भगवान उनका सदैव भला करें |

Wednesday, May 6, 2015

हशरतों की आग में इंसान
कभी कभी  इतना मसरूफ  हो जाता है
कि उनको पाने की चाह में 
इंसान ना रह ,खब्बीस और मगरूरहो जाता है ,
सोचने समझने का माद्दा नहीं रहता उसमे
वो इंसान से शैतान बन जाता है