इ कितने ही दिन की हील हुज्जत ,इज्जत और बेइज्जती ,संसार प्रसिद्धि ,समाचार पत्रों को मसाला देकर ,टी ,वी ,चेनल्स को काम देते हुए और अंत में सोएब ने आयशा को अपनी पूर्व पत्नी मानकर और उसे तलाक़ नामा देकर कम से कम सानिया की शादी का रास्ता तो साफ़ कर दिया और अपनी हसरत पूरी करने की भी पूर्ती कर ली ,चलो जो हुआ अच्छा ही हुआ ,
प़र अभी तक मुझे एक बात समझ नहीं आई की ऐसे क्या सुरखाब के प़र शोएब में लगे है की जिसके लिए सानिया दर बदर होने के लिए भी तैयार है और जिस देश की जनता ने उसको अपने बच्चों जैसा प्यार दिया और जिस जनता से उसने करोड़ों रुपया भी कमाया उनको भी छोड़कर ,दो नंबर की पत्नी तक बन्ने के लिए तैयार है ,और वो भी ऐसे देश के नागरिक से शादी कर रही हैं जिससे की हमारी पैदाइसी दुश्मनी है ,यदि सानिया ने शोएब से शादी करके दुबई आदि में जाकर बसने का फैसला कर ही लिया है तो मैं समझता हूँ की कोई भी भारतवासी ,वो चाहे किसी भी धर्म को मानता है शायद ही सानिया से कोई रिश्ता रखे ,क्या भारत में २५ करोड़ मुसलामानों में उसे अपने समक्क्षक कोई पति नहीं मिला ,हमारे देश में एक से एक खुबसूरत नोजवान मुस्लिम भाई भरे पड़े हैं ,उनमे से किसी से भी शादी करे शायद सानिया को ख़बरों के घेरे में रहने के लिए ऐसा कर रही है ,मेरे विचारों में तो उसको अपना फैसला बदल लेना चाहिए आखिर अपना देश अपना ही होता है ,पैसे से सबकुछ नहीं खरीदा जा सकता ,शोएब की बाड़ी लेंगवेज ये बताती है की ,वो सानिया के जीवन को तबाह कर देगा ,अभी भी समय है सानिया को सभाल जाना चाहिए
Wednesday, April 7, 2010
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