Sunday, August 1, 2010

पामिस्ट्री (हस्त रेखा )

मैं हत्रेखा विशेषग्य भी हूँ ,ये मेरा एक शौक है ,जो मुझे आज से २० वर्ष पहले मैं किसी कारणों से बहुत दुखी था तब मैं दिल्ली के सभी माने हुए ज्योतिषियों के संपर्क में आया परन्तु मैं उनसे लुट ,पिट कर दुखी हो गया परन्तु किसी ने भी मेरा इलाज नहीं किया ,नाही एस्ट्रोलोजर्स ने और नाही पामिस्टों ने तब मैंने कुछ वर्ष के प्रयत्न के बाद गहन अध्ययन के पश्चात पामिस्ट्री में सफलता पाई और जाना कि जो कुछ भी हमारे भाग्य में था या है ,अथवा इस जनम के कर्मों का फल ,अथवा प्रारब्ध के कर्मों का फल या क्या आगे होगा ,सभी कुछ तो हमारे हाथों में रेखाओं ,पर्वतों ,वलयों ,,चिन्हों ,चक्रों ,शंखों ,के चिन्हों के रूप में अंकित है यदि केवल जरूरत है तो वो है इस विज्ञान को पढ़कर समझने वाले की,मैंने इसका अध्ययन किया और इसको शौक के तोर प़र अपना लिया ,इश्वर की क्रपा से पिछले १५ वर्षों में काफी लोगों ने इसका लाभ उठाया और अभी भी काफी लोग हमारे संपर्क हैं ,प़र आज तक मैंने काफी हाथ देखे हैं प़र आज एक व्यक्ति मिस्टर रिचर्ड नामक आया और जो कुछ उसने बताया ,उसका हाथ ठीक उसके उलट बता रहा था ,हो सकता है की वो ही गलत बता रहा हो या पामिस्ट्री ही में गड़बड़ हो ,अब मैं उसका ओबजर्वेशन कर रहा हूँ ,क्योंकि मैं तो वोही पढ़ रहा हूँ जो उसके हाथ प़र लिखा है ,उसके हाथ में २ चीज पोजिटिव थी ,शंख और अंगूठा ,प़र केवल उनके बल प़र ----------------------------बहुत ऊपर नहीं पहुंचा जा सकता ,जबकि क्वालिफिकेशन भी कम हो ,और बहुत सी बातें हैं जो ओबजर्वेशन या कुछ समय बीतने के बाद पता लगेंगी ,

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