Monday, March 15, 2010

मरघट वाले हनुमान जी ,जमुना बाजार

आज मैं जीवन में पहली बार मरघट वाले हनुमान जी के मंदिर में उनके दर्शन करने के लिए शाम को लगभग ५ बजे गया ,बड़े आराम से उनके दर्शन किये आत्मा प्रसन्न हुई ,मुझे घर से आने जाने में कोई भी किसी तरह की मानसिक परेशानी नहीं हुई बल्कि ह्रदय में एक प्रकार का उत्साह सा अनुभव हुआ जिससे की प्रतीत होता है की मैंने जो उनके दर्शन किये वो बहुत ही सम्र्ध्शाली थे जो की भविष्य में मेरे सपनो को साकार करेंगे ,अब तो बार बार उनके दर्शन करने को दिल चाहता है ,वैसे भी मैंने उनका नाम इसलिए काफी सूना है की वो सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं ,आशा है की वो मेरे भी दुख दूर करके मेरी मनोकामनाएं आशातीत पूर्ण करेंगे ,

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