Saturday, March 6, 2010

मे or meriबेटी मीनाक्षी सम्पूर्ण दिन के https://www.aninews.in/news/national/general-news/cbi-registers-fir-against-fsl-rohini-officials-for-tampering-with-reports20190928104203/ निबटा कर अपनी कार से अपने घर लौट रहे थे ,शाम का समय था और कार मैं खुद चला रहा था समय लगभग ७ बजे होंगे ,हम लाल किले के पास से गुजरकर और मरघटों वाले प्राचीन हनुमान मंदिर के पास से गुजरे तो मैंने हनुमान जी को हाथ जोड़ और मत्था भी नवाया ,उससे कुछ ही दूर लगभग १०० गज ही सड़क प़र आगे पहुंचे थे की  प़र ट्रेफिक जाम था अत; कार रोकनी पड़ी ,थोड़ी ही देर में जैसे ही रास्ता खुला तो मैंने कार को आगे बढानी चाही तो ऐसा लगा कि कार पीछे कि तरफ को सरपट भाग रही है है और मैं भयभीत हूँ कि अब मेरी का किसी ना किसी कार को टक्कर मार देगी और इतना जबरदस्त एक्सीडेंट होगा कि हम बाप  घटना जो शुकर्वार को मेरे साथ घटी ?

मे or meriबेटी मीनाक्षी सम्पूर्ण दिन के काम निबटा कर अपनी कार से अपने घर लौट रहे थे ,शाम का समय था और कार मैं खुद चला रहा था समय लगभग बजे होंगे ,हम लाल किले के पास से गुजरकर और मरघटों वाले प्राचीन हनुमान मंदिर के पास से गुजरे तो मैंने हनुमान जी को हाथ जोड़ और मत्था भी नवाया ,उससे कुछ ही दूर लगभग १०० गज ही सड़क प़र आगे पहुंचे थे की  प़र ट्रेफिक जाम था अत; कार रोकनी पड़ी ,थोड़ी ही देर में जैसे ही रास्ता खुला तो मैंने कार को आगे बढानी चाही तो ऐसा लगा कि कार पीछे कि तरफ को सरपट भाग रही है है और मैं भयभीत हूँ कि अब मेरी का किसी ना किसी कार को टक्कर मार देगी और इतना जबरदस्त एक्सीडेंट होगा कि हम बाप बेटी शायद ही बच पाए और मैंने हैण्ड ब्रेक भी लगा दिया और फुट ब्रेक भी पूरी जोर से लगा रखा है फिर भी कार काफी स्पीड से पीछे को भाग रही है तो मैं शोर मचाकर अपनी बेटी को कह रहा हूँ कि मोना तू भाग ,गाडी से कूद जा ,एक्सीडेंट होने वाला है और मैं भी कूदने का प्लान बाना रहा हूँ ,लड़की ने जल्दी जल्दी अपनी बेल्ट खोली और वो मुझे आश्चर्य सहित देख रही है कि आज पापा को क्या हो गया ,यद्यपि मैं सोच रहा हूँ कि मैं बिलकुल ठीक हूँ और मेरा दिमांग भी ठीक तरह से काम कर रहा है परन्तु वास्तविकता ये थी कि ना तो मैं ही ठीक था और नाही मेरा मानसिक संतुलन ,और वास्तव में मेरी गाडी चल भी नहीं रही थी क्योंकि आसपास के गाडी वाले अपनी अपनी गाड़ियां बचा बचा कर निकाल कर ले जा रहे थे ,मेरी ये सब हालत देखकर मेरी बेटी बहुत परेशान थी अत; वो बोली कार वो चलाएगी तुम नीचे उतरो तो मैं बोला कि नीचे कैसे उतरु गाडी तो पीछे कि और तेज रफ़्तार से भाग रही है तो वो जोर से बोली कि गाडी तो एक जगह ही कड़ी है आखिर आपको क्या हो गया है ,जब उसने इतना कहा तो मेरी तुन्भाद्रा टूटी और अब मैं पहले कि तरह नोर्मल हो गया ,और फिर उसने कुछ कहा तो मैंने कहा कि मैं इस समय बिलकुल फिट हूँ ,और गाडी मैं ही चलाऊंगा और उसके बाद मैं स्वयं गाडी चलाकर घर गए ,ऐसी घटना मेरे साथ जीवन में पहली बार घटी है

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