Friday, February 26, 2010

भर्ष्टाचार की शायद कोई हद नहीं है

मैंने जब दूरदर्शन प़र एक प्रशासनिक अधिकारी की खबर जोकि बम्बई और गोवा के डाक विभाग के सबसे बड़े अधिकारी थे की खंबर सुनी की वो मात्र एक एन .ओ सी देने के लिए २ करोड़ की रिश्वत लेते हुए सी.बी.आई के द्वारा गिरफ्तार किये गए और उनको ३ महीने के लिए जेल भी भेज दिया गया ,हतप्रभ रह गया और सोचने लगा की क्या ये आदमी अगर नाभि पकड़ा जाता तो क्या उस इतने पैसे को क्या खाने की जगह इस्तेमाल करता और उसके बाद २२ बेंक अकाउंट और दिल्ली के आसपास करोडो की संपत्ति ,आखिर इतने रूपये वो क्यों एकत्रित कर रहे था या उनको प्रशासन का भी कोई डर नहीं था ,पहले उनकी शान शौकत थी रूतबा था जिधर को भी जाते होंगे लोग उनको सलाम करते भी ना थकते होंगे ,और वो जवाब देते थक जाते होंगे ,आज पकड़ में आने के बाद तो उनको अपनी अंतरात्मा की आवाज जाननी चाहिए जो उन्होंने पहले नहीं सुनी यदि वो अब पश्चाताप भी कर लेंगे तो शायद उनको जल्दी ही मुक्ति मिल जाए ,ना जाने उन्होंने कितन इ आदमियों का खून चूसा होगा उसका दंड तो उनको मिलेगा ही ,अब उनकी क्या रह गयी ना रुपया बचा ना रूतबा और जेल मिलेगी मुफ्त में ,हमारी प्रार्थना है की इस तरह के लोगो को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि उसको देखने वाले भी कुछ सबक सीख सके ,और अब वो ऐसे फंस जायेंगे की जिन परिवार वालों के लिए वो रिश्वत लेलेकर एश करा रहा थे वो भी कुछ नहीं कर पायेंगे

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