आज पांचवें दिन भी महंगाई को लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ ,प़र मुझे समझ नहीं आती कि वहाँ प़र हंगामा करने से क्या महंगाई खत्म हो जायेगी ,इस महंगाई के लिए मैं नहीं समझता कि सरकार ही दोषी है इस सब के लिए सभी देशवासी भी उतने ही जिम्मेदार हैं जितनी के सरकार ,दाल चीनी और गेंहूँ कि बात तो समझ आती है प़र आलू ,अरबी ,गोभी ,प्याज यानी कि सब्जी भाजी के लिए कौन सा मंत्री आकर सब्जी बेच रहा है ,हाँ रिलाएंस जरूर सब्जी आदि बेचता है प़र उसके रेट गली के सब्जी वेंडर से सस्ते होते हैं ,और उसके लिए नाही शरद पवार जी ,सुगर कि तरह पहले ही भाषण दे रहे कि भाई वो तेज हो जायेगी ,जबकि वास्तविकता ये है कि आज हमारे देश का प्रत्येक आदमी ,तनखा तो चाहता है ४०००० रूपये प़र आलू प्याज गोभी ,चाहता है ,१० रूपये किलो जो कि आज से चार साल पहले था ,अरे भाई कभी कुछ किसान को भी खाने दो ,
वरना वो तो भूखे पेट ही मर जाएगा ,
मेरे हिसाब से तो महंगाई का शोर मचा मचा कर केवल संसद का कीमती समय बर्बाद किया जा रहा है ,
Friday, July 30, 2010
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