Monday, September 7, 2015

महानदी

स्वर्ण ,चांदी ,ताम्र ,अभरक
मिटटी ,रेत से बने पथ पर
हरित किनारी वाली साडी पहिन
इतराती इठलाती ,मचलती
नीली नीली आभा दर्शाती ,
  से सभी को अपनी शीतलता से
तृप्त कराती ,प्यास बुझाती
गाँव गाँव और शहर शहर
ऊबड़ खाबड़ जंगलों में
मंगल करती स्वयं भटकती ,
अशुद्धता को कंठ लगाती
अनमने स्वभाव  से
नृत्य करती बहे जा रही है
निरंतरता का पाठ पढ़ाती
अविरलता को ह्रदय लगाती |