Wednesday, April 27, 2016

मत भूलो उस जिंदगी को
जिसने हमेशा तुम्हारा साथ  दिया हैं
 हो सके तो भूल जाओ खुद को क्योँकि
तुमने सदा उसके साथ विश्वासघात किया है ।

Wednesday, April 20, 2016

हुश्न को बिना देखे
इबारत नहीं लिखी जाती 
और हुश्न देखने के पश्चात
ईमारत बना दी जाती है
यदि हुस्न कबीले तारीफ हो 
तो इबारत भी गजब ढाती है ,
यदि महबूब बादशाह हो तो
मुहब्ब्त ताजमहल बन जाती है ।

Tuesday, April 19, 2016

यदि  गधे भी सिगरेट्स पिया करते ,और तम्बाकू या गुटखे  खाया करते तो 
तो फिर आदमी या ओरत ना सिगरेट पीते और नहीं तम्बाकू ,गुटखे खाया करते 
क्योँकि फिर जनता उनको भी गधा या गधी कहकर सम्बोधित किया करते इसलिए 
फिर वो ना तो धुंआ ही छल्ले  बनाकर उडाते और नाही पोीक थूककर जमीन गन्दी करते 
हे भगवन ऐसे लोगों से देश को मुक्त करा। 

Saturday, April 16, 2016

 इन्तजार में जो मजा है
वो इजहार में कहाँ
जो इजहार में मजा है
वो इकरार में कहाँ
जब इकरार ही कर दिया तो
फिर बेकरारी किस बात की
जब बेकरारी का हुआ ख़ात्मा
फिर मुहब्ब्त भी हुईं  फना ।

Tuesday, April 5, 2016

kataaksh

यदि गधों के भी सींग  होते
तो वो संसद  में बैठकर
ढीचु ढीचु के उच्च स्वर के साथ
सींगा  सींगी भी खूब खेलते