मत भूलो उस जिंदगी को
जिसने हमेशा तुम्हारा साथ दिया हैं
हो सके तो भूल जाओ खुद को क्योँकि
तुमने सदा उसके साथ विश्वासघात किया है ।
Wednesday, April 20, 2016
हुश्न को बिना देखे
इबारत नहीं लिखी जाती
और हुश्न देखने के पश्चात
ईमारत बना दी जाती है
यदि हुस्न कबीले तारीफ हो
तो इबारत भी गजब ढाती है ,
यदि महबूब बादशाह हो तो
मुहब्ब्त ताजमहल बन जाती है ।
Tuesday, April 19, 2016
यदि गधे भी सिगरेट्स पिया करते ,और तम्बाकू या गुटखे खाया करते तो
तो फिर आदमी या ओरत ना सिगरेट पीते और नहीं तम्बाकू ,गुटखे खाया करते
क्योँकि फिर जनता उनको भी गधा या गधी कहकर सम्बोधित किया करते इसलिए
फिर वो ना तो धुंआ ही छल्ले बनाकर उडाते और नाही पोीक थूककर जमीन गन्दी करते
हे भगवन ऐसे लोगों से देश को मुक्त करा।
Saturday, April 16, 2016
इन्तजार में जो मजा है
वो इजहार में कहाँ
जो इजहार में मजा है
वो इकरार में कहाँ
जब इकरार ही कर दिया तो
फिर बेकरारी किस बात की
जब बेकरारी का हुआ ख़ात्मा
फिर मुहब्ब्त भी हुईं फना ।