यदि कोई व्यक्ति रात्रि के आगमन होने पर उसके द्वारा प्रदत आनंद की अनुभूति को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है
या अनुभव नहीं कर पाता है तो या तो वो मानसिक रोगी है ,या धनोपर्जन में लीन है या संसर्ग से तृषित है अथवा असंख्य बीमारियों का घर है ,हां इतना जरूर है की वो गरीब मजदूर या सत्यवादी और ईमानदार व्यक्ति नहीं हो सकता |
या अनुभव नहीं कर पाता है तो या तो वो मानसिक रोगी है ,या धनोपर्जन में लीन है या संसर्ग से तृषित है अथवा असंख्य बीमारियों का घर है ,हां इतना जरूर है की वो गरीब मजदूर या सत्यवादी और ईमानदार व्यक्ति नहीं हो सकता |