Monday, March 10, 2014

देशवासियों से अपील

देश के सभी बुजुर्ग ,युवा ,पुरुष और महिला मतदाताओँ से मेरी प्रार्थना है  कि इस बार लोकसभा चुनाव में आपके सामने ख़ास तौर से दो डिब्बे ऐसे हैं जिन पर जंग ,मैल,कीचड और ना जाने क्या क्या   लगा हुआ था  और पिछले 65  सालों में उनका सवरूप  इतना बदल,और घिनोना हो चूका है कि भारत कि जनता उनको मजबूरी में स्वीकार करती रहती है क्योंकि उनके सामने और कोई विकल्प नहीं था और कुछ डिब्बे पुराने होने के साथ साथ अपने क्षेत्रों  से बाहर निकल ही नहीं पाये यानि किजहा वो पड़े थे वहीँ पड़े रहे और जंग ,गंदगी  एवं कीचड में खुद को भरपूर लपेटते रहे और उसी में खुश रहे यानि कि वो किसी भी स्टेट में अपना रूतबा ना जमा सके और तीसरे डिब्बे कि भूमिका अदा ना कर सके ,पर इस बार आनन् फानन में एक नया नकोर स्टील का डिब्बा तैयार होकर आया है जिसपर अभी तक ना तो जंग लगा है ना कीचड यानि कि साफ़ सुथरा है और अपनी सफाई का रूतबा वो १ स्टेट में दिखा भी चुका है यद्दीपी कुछ विद्वान् लोग उसको भी जंग और कीचड लगा बताकर सिद्ध करने में लगे हैं पर सत्य पर कभी भी असत्य का मुलम्मा नहीं चढ़ाया जा सकता |
जब कोई आदमी कुम्हार से मिटटी का घड़ा भी खरीदने जाता है तो उसको भी टोक बजाकर देखता है जबकि उसकी कीमत कुछ सिक्के होते हैं ,फिर आप तो अपना सर्वस्व ,,यानि के अपना सम्पूर्ण अधिकार उन डिब्बों में डालने जा रहे है जिसमे बैठे हुए नेता लोकसभा में जाकर इस देश का संविधान बनाते हैं और अगले ५ साल तक हमारी और आपकी यानि कि पूरे भारतवासियों कि गर्दन इनके हाथ में होती है और फिर हैम कुछ कर भी नहीं सकते यदि ये लोग चाहे तो देश का और देशवासियों का कुछ भी कर सकते हैं ,कैसे ही इस्तेमाल कर सकते है हमको भूखा रख सकते है कमको जरखेरेज कर सकते हैं देश को गर्त में दाल सकते हैं देश को उच्च शिखर पर पहुंचा सकते हैं ,तो मेरी प्रार्थना है कि आप सही डिब्बा देखकर ,यदि हो सके तो ६५ साल पुराने डिब्बों को भूलकर (क्योंकि इनको आपने कितनी ही बार देख लिया है )नए नए डिब्बों को ही चुने तो ज्यादा अच्छा है क्योँ ना एक बार इनको भी देख लिया जाय ,यदि ये भी पहले जैसे ही निकले तो अगली बार इनको भी छोड़ देंगे |

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