वैसे देखने में तो केजरीवाल जी बहुत ही संयमी ,धैर्यवान ,विनम्र भद्र और व्यवहारिक नजर आते हैं परन्तु कभी कभी वो इतने उग्र हो जाते हैं कि शायद वो ये ही भूल जाते हैं कि कहाँ पर खड़े होकर या किस्से बात कर रहे हैं ,या इस समय उनको क्या कहना चाहिए क्या नहीं ,या कौन व्यक्ति ,संस्था उनके या उनकी पार्टी के फायदे कि है या नुक्सान की,और ये कमी लगभग उनके सभी साथियों में भी है मात्र योगेन्द्र यादव को छोड़कर जो की प्रत्येक बात को अच्छी तरह और परिस्तिथि देखकर करते हैं ,अभी १४/३/१४ को बॉम्बे में उन्होंने मिडिया वालों को ही कह दिया की यदि "उनकी सरकार बनी तो वो उनको जेल भेज देंगे " शायद केजरीवाल जी नहीं जानते की उनकी राजनीती को चमकाने वाले ये मिडिया कर्मी ही है यदि ये चाहें तो एक दिन में ही इनकी हवा भी निकाल सकते हैं ,और नाहीं मीडिया केजरीवाल जी की नौकर है जो उनकी सुनेगी या उनके चक्कर काटेगी और आज जो आम आदमी पार्टी की तूती बोल रही है वो सदा सदा के लिए शांत हो जायेगी इसलिए केजरीवाल जी और उनके साथियों से मेरी प्रार्थना है की अपने व्यवहार में बदलाव लाएं और जो अहंकार उनके अंदर धीरे धीरे प्रवेश कर रहा है उसको अंदर ना घुसने दे वर्ना ये राजनीती है कोई लाला जी की दुकान नहीं है ,जनता सब कुछ जानती है ,वैसे ही जनता अब आपके अगेंस्ट होती जा रही है |,
Friday, March 14, 2014
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