Thursday, February 27, 2014

हम सभी कि फितरत

आज के समय में जब हमारी किसी से थोड़ी सी भी घनिष्ठता बढ़ जाती है ,या किसी के साथ ज्यादा उठना बैठना हो जाता है ,अथवा पडोसी होते हैं ,या आप किसी कि अटकी में काम आ जाते हैं ,अथवा किसी के साथ खाना खा लेते हैं अथवा हमप्याला हो जाते हैं ,तो उस वक्त उनके कुछ घिसे पिटे जुमले होते हैं जैसे कि ,अरे आप हुक्म तो करके देखिये ,जहां आपका पसीना गिरेगा वहाँ खून कि नदियां बहा देंगे ,आपके लिए तो हमारी जान हाजिर है ,आपने अपनी जिंदगी में बहुत देखे होंगे पर हम जैसा नहीं देखा होगा ,हमने एक बार जिसको दोस्त बोल दिया हम उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं बस हुकुम  करिये ,
परन्तु जब आपको जीवन में कभी उनकी जरुरत पड़ेगी तो वो आपकी कटी ऊँगली पर पेशाब भी नहीं करेंगे ,यदि उनको पता चल गया कि आपको उनकी जरुरत है तो आपको दूर से देखकर ही अपना रास्ता बदल लेंगे या फिर घर के दरवाजे बंद कर लेंगे ,या फिर कुछ ज्यादा समय बीत गया होगा तो पहचानने से ही मना कर देंगे |
वैसे भी प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में अधिकतर जरुरत मात्र रूपये ,पैसे कि ही पड़ती है ,किसी को घाटे के कारण,किए को चोरी के कारण ,किसी को फसल चौपट होने के कारण ,किसी को लड़की कि शादी के लिए कहने का तातपर्य ज्यादातर धन कि ही जरूरत पड़ती है ,जान कि तो जरूरत नहीं पड़ती ,पर यदि कोई संगी साथी आपकी मदद के लिए तैयार भी होगा तो वो चाहे कितने ही पैसे वाला हो एक बात ही कहेगा भाई रुपया पैसा तो है नहीं पर तुम्हारे लिए जान हाजिर है ,अब आप उसकी जान लेकर भी क्या करोगे |

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