Saturday, May 3, 2014

एक नारा कितना सत्य कितना असत्य ,हिन्दू मुस्लिम भाई भाई पार्ट ३

एक नारा कितना सत्य कितना असत्य हिन्दू मुस्लिम भाई भाई ,पार्ट ३
मुगलों के समय में हिन्दुओं से बने (कनवर्टेड) मुसलमान आज सम्पूर्ण भारत के ही नहीं बल्कि पाक और बँगला देश के मुसलमान भी हमारे कनवर्टेड भाई हैं ,क्योंकि ये दोनों पार्ट तो भारत में से ही टूट कर बने हैं कोई अलग से तो आये नहीं ,इसका मतलब वो भी हमारे भाई ही हैं ,यदि जरुरत है तो मुल्को को और बाशिंदों को दूरंदेशी की ,मुहब्बत के पैगाम की ,अब सवाल उठता है की ये हिँदु और मुसलमान दोनों एक क्योँ नहीं होते या हो सकते ,इसके बहुत से कारण हैं ,जो निम्नलिखित हैं |
समय का अंतराल जो की थोड़ा बहुत नहीं बल्कि ४०० साल का है जो की एक मायना रखता है ,उसको भरना किसी के भी हिम्मतकी  से बाहर की बात है ,
दुसरे भाई भइयों के झगडे मिल बैठकर नहीं निबटते वो ज्यादातर बन्दूक और तलवारो से ही निबटाए जाते हैं ,
तीसरे नेता जो अपना वोट बैंक समझकर चलते हैं और प्रत्येक ५ वर्ष बाद उनको उकसाते हैं ,लड़वाते है ,हिँदु ,मुस्लिम झगड़ों से राजनीती चमकाते हैं वो एक नहीं होने देते ,और हिँदु मुस्लिम दोनों ही इनकी चालों को समझ नहीं पाते ,इस लिए  वो इनको कभी भी भाई भाई बनने ही नहीं देंगे ,
चौथे हिँदु धर्माधिकारी ,शंकराचर्य ,पीठाधीश ,पुजारी और मुस्लिम धर्माधिकारी काजी ,हाजी उलेमा ,ये कभी भी इनको एक नहीं होने देंगे क्योँकि इनकी रोजी रोटी ही इन लोगों से चलती है और मान सम्मान भी मिलता है इनकी पूजा होती है ,उनको नवाजा जाता है ,
दोनों को प्रथाओं में कुछ ना कुछ अंतर भी आ ही गया है उनको दूर करना बड़ा मुश्किल है ,इबादत का तरीका भी भी अलग हो गया है ,उनमे परिवर्तन करना बड़ा मुश्किल है ,
फिर आपसी बैर इतना लंबा और गहरा हो चुका है की उसे हल करना भी मुश्किल है ,
 अब इसका हल मात्र एक ही है की हम सब कुछ भूलकर शांति के साथ रहें और खुद को एक दुसरे का भाई और परिवार समझे ,जिस प्रकार से  एक घाव को भरने में समय लगता है इसी प्रकार ये घाव  भी एक ना एक दिन बुद्धि चातुर्य से भर ही जाएगा  ,कोशिश करने में क्या बुराई है ,कहते हैं की "करात करात अभ्यास के जड़मति हॉट सुजान ,रस्सी आवत जात ते सील पे होत निशाँ "
जब भाई भाइयों में दुश्मनी हो सकती है तो एक दिन मित्रता भाई बंधुत्व की प्रेरणा भी जाग्रत हो सकती है ऐसा कहीं नहीं लिखा कि दो भाई कभी मिल ही नहीं सकते ,कुछ लोग आज भी मिलने के प्रयास कर रहे हैं परन्तु उनको अभी भी हिन्दू जनमत कि और से ही अनुमति नहीं मिल पाई है ,उदाहरणार्थ ,हरयाणा के अंदर मेव जाति है जो कि काफी तादाद में हैं वो मुस्लिम हैं वो खुद को क्षत्रिय कहते हैं उनके घरों में महाराणा प्रताप कि फोटो लगी भी मिलेंगी में भी कई बार उनसे मिला हूँ उन्होंने क्षत्रियों के साथ हिंदुत्व स्वीकार करने के लिए बहुत बार बात कि हैऔर वो हमारे क्षत्रिय महासम्मेलनों में शिरकत भी कर चुके हैं ,जैसे कि लाल किले के पीछे जो सम्मेलन हुआ था उसमे भी हजारों कि संख्या में आये थे ,और उनको बार बार मिलाने के लिए कहने के बाद हमारे राजपूत आकाओं ने जिनमे डॉ करण सिंह ,राजा दिग्विजय सिंह ,श्री अर्जुन सिंह जी श्री भैरों सिंह शेखावत और भी कई बड़े बड़े नेता थे इन्होने घोषणा तक नहीं की,ये पहला चरण था ,परन्तु पूर्ण नहीं हुआ ,वो लोग आज भी पछताते हैं ,कहने का तातपर्य है की शुरुआत तक नहीं की ,फिर सोचिये की मुस्लिम भाई हिन्दुओं से कैसे मिलेंगे जब हिन्दू ही उनको मिलाने को तैयार नहीं हैं ,
वैसे जो हिन्दू या मुस्लिम लोग अपने आपको बहुत बड़े आदमी कहते हैं या वास्तव में हैं भी वो तो धीरे धीरे शादियां तक करके एक दुसरे के पास खिसक रहे हैं जैसे की ,
सिकंदर बख्त की पत्नी कृष्णा बख्त ,हिन्दू थी  ,सचिन पायलट की पत्नी शेख अब्दुल्ला की बेटी है रिर्टिक रोशन की पत्नी  फिरोज खान की बेटी है शीला दिक्सित की बेटी का पति मुस्लिम है ,इंदिरा गांधी का पति फिरोज खान मुस्लिम थे ,जोशी की बेटी शाहनवाज खान की पत्नी है ,सलमान खान अपने घर में सभी हिन्दू रीती रिवाज निभाते हैं यहाँ तक की उनके रिस्तेदार भी ,शाहरुख़ खान की पत्नी हिन्दू हैं ,कहने का तातपर्य है ऐसे बहुत से उदाहरण मिल जाएंगे ,और हमारे गाँवों में तो खासकर सभी हिन्दू मुस्लिम एक दुसरे के त्यौहार होली ,दिवाली ईद ,मिल जुलकर ही आज भी मनाते हैं धीरे धीरे जिस बिमारी को को लगे ४०० साल हो गए उसे ठीक होने में भी ४०० या ५०० साल तो लग ही सकते हैं |
वैसे भी किसी भी राज्य में चले जाइए और वहां के हिन्दू मुस्लिम दोनों को देखिये उनका खाना पीना ,पहनना ओढ़ना ,बोल चाल भाषा ,व्यवहार तीज त्यौहार शौक ,संगीत ,सभी एक जैसे ही मिलेंगे जिससे पता लगता है किइनमे जो समानता है वो भी दर्शाती है कि वास्तव में हिन्दू मुस्लिम दोनों एक ही सिक्के के पहलू हैं ,यानी कि इनकी पैदाइश कहीं एक ही जगह से हुई होगी ,इसमें ज़रा भी असत्य नहीं है कि ये भाई भाई नहीं है |
यदि हमारे देश के नेता ,धर्माधिकारी ,चाहें तो हिन्दू मुस्लिम भाई भाई के नारे को सकारात्मक रूप दे सकते हैं और आपसी जो झगडे आज खड़े हैं वो सब समाप्त हो सकते हैं ,और अगर ये इनको मिलाने के लिए पॉजिटिव सोच बनाये तो काम आसान हो जाएगा |अंत में ,
                                                           हिन्दू मुस्लिम भाई भाई






















 


















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