Tuesday, October 28, 2014

स्वर्गीय दार्शनिक नीत्शे के विचार

स्वर्गीय नीत्शे (१८४४-१९००)एक जर्मनी दार्शनिक और क्रांतिकारी विचार वाले एक दार्शनिक थे जो अपने विवादात्मक विचारों के लिए जाने जाते थे और उनका सबसे अधिक विवादात्मक विचार "ईश्वर मर चुका है "ने उस समय में संसार में खलबली मचा दी थी |
नीत्शे के कुछ विचार प्रस्तुत हैं ,
आस्था क्या है ,सत्य ना जानने की इच्छा|
ईश्वर एक विचार है जो प्रत्येक सीधी साधी चीज को  जटिल चीज में तब्दील कर देता है |
मैं ईश्वर में विश्वास नहीं कर सकता" वो हर वक्त अपनी तारीफ़ सुनना चाहता है ,यही चाहता है की दुनिया भर कहे कि ईश्वर तुम  कितने  महान हो "|
क्यां इंसान ईश्वर कि सबसे बड़ी गलतियों में से एक है या फिर ईश्वर ही इंसान कि सबसे बड़ी गलती है |
डर नैतिकता कि माँ है इंसान नैतिक रहता है क्योँकि वो डरता है|
सम्पूर्ण समझदारी ,सत्य के सभी सबूत अपनी खुद कि सोचने परखने की क्षमता से हासिल होते हैं |
ओहो ये ओरतें ",ये ऊंचे इंसान को और भी ऊंचा बना देती हैं और नीचे को और भी नीचे गिरा देती हैं |"
दुनिया के सभी महान विचार टहलने के दौरान लोगों के दिमाग में आये हैं |
हमको हर उस दिन को बेकार हुआ मानने चाहिए ,जिस दिन हम एक बार भी ख़ुशी से नहीं थिरके या किसी दुसरे के चेहरे पर मुस्कान ना फैलाई |
शैतान से लड़ते समय सावधानी इस बात कि रखनी चाहिए कि कहीं" हम ही तो शैतान नहीं बनते जा रहे हैं "




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