आज सभी हिन्दू विवाहित नारियों ने
सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का उपयोग कर
स्वयं को अति सुंदरी प्रदर्शित करने हेतु
अथक प्रयत्न और प्रयास किया होगा ,
फिर निर्जल रहकर निमग्न भावों से
करवा चौथ का व्रत पूर्ण दिन रखा होगा
अपने पति की दीर्घायु की कामना कर
सात जन्म तक एकत्व का प्रणलिया होगा ,
रात्रि को मिष्ठान ,पकवानो से थाल सजा
चद्रमा का दर्शन पति के साथ किया होगा
फिर शशि और पति का मिलान करके
दोनों को एक ही जैसा स्वरूप दिया होगा ,
फिर दोनों ने मिलकर मिष्ठान और पकवान
चन्द्रमा देवता को सप्रेम अर्पण किया होगा
फिर सावित्री जैसे पत्नी ने नतमस्तक हो
अपने प्राण नाथ के चरणों को छुआ होगा |
सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का उपयोग कर
स्वयं को अति सुंदरी प्रदर्शित करने हेतु
अथक प्रयत्न और प्रयास किया होगा ,
फिर निर्जल रहकर निमग्न भावों से
करवा चौथ का व्रत पूर्ण दिन रखा होगा
अपने पति की दीर्घायु की कामना कर
सात जन्म तक एकत्व का प्रणलिया होगा ,
रात्रि को मिष्ठान ,पकवानो से थाल सजा
चद्रमा का दर्शन पति के साथ किया होगा
फिर शशि और पति का मिलान करके
दोनों को एक ही जैसा स्वरूप दिया होगा ,
फिर दोनों ने मिलकर मिष्ठान और पकवान
चन्द्रमा देवता को सप्रेम अर्पण किया होगा
फिर सावित्री जैसे पत्नी ने नतमस्तक हो
अपने प्राण नाथ के चरणों को छुआ होगा |
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