Monday, November 17, 2014

आस्ट्रलिया में गांधी जी की प्रतिमा के अनावरण पर आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी का भाषण

आस्ट्रेलिया में गांधी जी की मूर्ती का अनावरण करते समय हमारे प्रधानमंत्री जी ने जो भाषण दिया वो आप सभी ने सूना भी होगा ,शायद आप में से किसी को एक त्रुटि जो  बार बार अपनायी जा रही थी नजर ना आई ,परन्तु मुझे वो त्रुटि बहुत ही आखर रही थी और वो त्रुटि थी बार बार महात्मा गांधी जी के नाम का सम्बोधन जो की मोदी साहब के द्वारा किया जा रहा था ",उन्होंने गांधी जी बोलने से पहले या बाद में लगाया हो जैसे की महात्मा गांधी या गांधी जी "वो बार बार मात्र" गांधी "ही कहकर सम्बोधित कर रहे थे जैसे की गांधी जी महात्मा गांधी ना होकर मोदी साहब का कोई लंगोटिया यार हो, या उनका कोई अपना बच्चा हो, या कोई ऐरा गेरा नत्थू खेरा हो ,या कोई आम भारतीय हो ,जिस व्यक्ति ने देश को आजाद कराने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन आहूत कर दिया हो ,और फिर आजाद होने के बाद भी देश से कुछ नहीं चाहा हो और अंत में नाथूराम गोडसे की गोली का शिकार होकर स्वर्ग सिधार गया हो और वो गोडसे भी किसको बिलोंग करता था ये मोदी साहब को बताने जरूरत नहीं है क्योँकि वो बाखूबी जानते हैं और आजादी के परवान चढ़ने के कारण ही आज मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बन संसार में घूम घूमकर मजे ले रहे हैं और प्रसिद्धि पा रहे हैं किसके कारन ,स्वर्गीय गांधी जी के कारण से ही ,क्योँकि न तो देश को मोदी जी ने आजाद कराया और नहीं आर एस एस या भारतीय जनता पार्टी ने ,क्या उस महात्मा के लिए आदरणीय ,महात्मा या जी ,अथवा स्वर्गीय जैसे दो शब्द भी उनके पास नहीं थे क्या भारत  की ये ही संस्कृति है ,इससे साफ़ होतां है की मोदी जी के ह्रदय में गांधी जी के लिए कोई मान सम्मान नहीं हैं वो तो उनके नाम की माला रटकर जनता को दिखाते हुए अपनी रोटियां सेंक रहे हैं ,और ऊपर से सवा सौ करोड़ भारतियों की बेइज्जती भी कर रहे हैं क़ि "यह कहकर क़ि भारत में लोग कहते हैं क़ि मोदी जी जबसे प्रधानमंत्री बने हैं तो गांधी जी क़ि माला भज रहे हैं "यद्द्य्पी गांधी जी के प्रति उनके ह्रदय में कितना सम्मान है वो तो उनकी भाषा ही से गांधी गांधी कहकर झलकता दिखाई देता है ,दुसरे देश में जाकर अपने देश वासीयियों क़ि बुराई करना एक बड़े देश के पी एम को शोभा नहीं देता ,और बाहर वालों पर भी इसका क्या प्रभाव पड़ा होगा |

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