Sunday, November 2, 2014

श्वान और इंसान में अंतर

अपने घर के मुख्य द्वार से निकलते ही 
सम्मुख गली का श्वान नजर आता है 
यद्यपि वो हमारा आज भी पालतू नहीं है
फिर भी मुझे  देखते ही पूँछ हिलाता है ,
जानते हो वो ऐसा क्योँ करता है
और क्यों नृत्य करके दिखाता है
क्योँकि प्रात:और संध्या के वक्त
मात्र दूध और,कुछ रोटियां खाता है ,
वफादारी के नाम पर घर के बाहर बैठ
चौकीदारी का फर्ज पूरी तरह निभाता है
यदि कोई  उच्च स्वर में हमसे बात भी करे
तो उसे सबक सिखाने हेतु तैयार हो जाता है ,
दूसरी और कोई भी भाई बंधु रिश्तेदार
जब मेहमान बन  कर हमारे घर आता है
तब हम  उसकी आव भगत बहुत करते हैं
फिर भी भविष्य में बेवफाई करके दिखाता है |

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