Monday, August 25, 2014

हमारे चुप प्रधानमंत्री मोदी जी

पाक मुद्दे पर चारों और से सभी नागरिक एक ही बात कहते नजर आ रहे हैं कि आखिर मोदी जी कुछ करते क्योँ नहीं ,या कुछ बोलते क्योँ नहीं ,अब तो हद ही हो गई है कि उनके समर्थक भी बोलने लगे हैं ,
दरअसल बात ये है कि मोदी जी बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति हैं ,वो गुजराती होने के नाते लड़ाई झगड़ों से दूर ही रहने वाली परवर्ती के हैं इसलिए भी वो पाक से पंगा लेना नहीं चाहते ,दुसरे ये काम प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि रक्षा मंत्री का होता है इसलिए वो ही देख रहे हैं ,तीसरे उन्होंने कारगिल युद्ध का परिणाम देख लिया जिससे कुछ हासिल नहीं हुआ ,केवल लाशों के और वो भी निरीह सैनिकों और व्यक्तियों की,इसलिए यदि पाक के साथ युद्ध को टाला जाए तो ज्यादा अच्छा है
यदि  दो चार सैनिक शहीद हो भी गए तो कोई बात नहीं उससे तो अच्छा है की युद्ध होता और हजारों सैनिक और नागरिक मारे जाएँ ,
चौथा मुख्य मुद्दा है जिस खिताब को अटल बिहारी वाजपेयी ना पा सके उसे पाने के लिए मोदी जी कुछ भी कर सकते हैं और वो खिताब है "शान्ति के देवदूत " यदि मोदी जी को शांति का देवदूत ही बन्ना है तो फिर कुछ भी हो ,वो पाकर ही रहेंगे ,
दुसरे पडोसी धर्म अपनाना हम भारतवासियों का मानवता के नाते फर्ज बन जाता है ,
परन्तु जो हमारे अपने मृत्यु शैया पर लेट कर शहीद हो चुके हैं उनको भी तो नहीं भुलाया जा सकता इसलिए देश की मर्यादा का प्रश्न हमेशा उनके  जीवन को प्रदूषित करता रहेगा और जनता को जवाब भी देय होगा |

No comments:

Post a Comment