Friday, August 1, 2014

परिवार में बड़ा होने का फर्ज और उसके लाभ

आज कैसा ज़माना आ गया है देखो

सबसे पहले अपने माँ बापू के डाबर को पालो पोसो ,
फिर उनको पढ़ाओ लिखाओ ,
व्यापार कराओ या नौकरी लगवाओ ,
फिर उनकी शादी करो ,
अपने बच्चों को मत पुचकारो ,उनके बच्चों को प्यार करो
अपने बच्चों को कारपोरेशन के स्कूल में पढ़ाओ या मत पढ़ाओ ,पर उनके बच्चों को कान्वेंट में पढ़ाओ ,
उनके बच्चों की गलती पर अपने बच्चों को पीटो पर उनके बच्चों को हाथ मत लगाओ ,
हाथ लगाया तो जाली कटी सुनो ,और चुप बैठ जाओ ,या उनके बर्तन अलग कराओ
किसी शादी ब्याह या जमीन जायदाद के लिए कर्जा लेना है तो अपने नाम में लाओ पर सभी जगह पर उनका नाम अवश्य लिखवाओ ,नहीं लिखवाया तो गाली खाओ ,
ब्याज तुम खुद भरो ,घर खर्चा तुम खुद दो ,पर कमाई का हिसाब मत मांगो ,कमाई का हिसाब माँगा तो ,हम हम नहीं तुम तुम नहीं ,
ज्यादा बात बढ़ी तो सभी अलग अलग हो जाओ ,
जब बटवारा होगा तो ट्रैन का आखिरी डिब्बा भी उतना ही हिस्सा लेगा जितना आपको मिलेगा ,
सभी भाइयों को अपने से ज्यादा हिस्सा दे दो तब भी ये एलीगेसन लगेगा की आपने उनको कम  दिया है ,
और यदि उनमे थोड़ी सी सहनशीलता नहीं है तो मुकदद्मे झेलने के लिए तैयार हो जाओ और फिर कोर्ट के चक्कर बुढ़ापे में काटते रहो ,
सुबह को रोटी लेकर जाओ ,कोर्ट में तारीख भुगतो ,खाना खाओ और बुड्ढे होते जाओ ,
जो कर्ज तुम्हारे सर पर चढ़ा था उनसे बोलो दो तो जवाब मिलेगा हम कौन सा कर्जा लेकर आये थे जो लाया वो ही देगा ,और एड़ियां रगड़ते रगड़ते ,कर्जा देते ,अपनी अओउलाद और पत्नी की गाली खाते खाते एक दिन नरक लोक सिधार जाओ ,
तुम फर्ज पूरा करते करते गरीब और बीमार होकर अपमान जनक स्तिथि में जीवन बिताओ ,और वो आराम से ऐश्वर्य पूर्ण जीवन बिताएंगे ,
ऐसी स्तिथि से तो भाइयो अच्छा है की अब ज़माना आ गया है
अपनी अपनी दाढ़ी में घस्सा लगाओ
चाहे सारा डाबर भाड़ में ही कौन ना जाए |















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