Thursday, March 12, 2015

भलाई

"भला करने वाले तू भलां किये जा
भलाई  के बदले बुराई लिए जा ,"
जी हाँ ,आप जिस किसी का भी भला कर रहे हैं और वो आपकी भलाई का अहसान भी नहीं मानता तो कोई बात नहीं आप अपने मार्ग पर प्रसस्त रहिये और उससे आकांक्षा भी मत करिये ,तो समाज ऐसे लोगों को अहसान  फरामोश कहता है ,और" अहसान फरामोश को तो भगवान नरक में भी स्थान नहीं देता ,जिसके कारण उसको इसी  पृथ्वी पर भूत प्रेत या पिशाच बन कर ही रहना पड़ता  है और जन्म जन्मों तक भटकता रहता है ,और हाँ एक बात और ,
यद्यपि वो व्यक्ति शारीरिक तौर पर या अहंकार वश आपके भले कार्य की ना तो उचित तरीके से प्रशंसा करता है और नाही उसे स्वीकारता  है परन्तु उसकी अंतरात्मा सदैव उसको अच्छा या भला ही स्वीकारती है तो जिसके कारण आपको लक्ष्य की प्राप्ति हो जाती है ,
और उसकी आत्मा सदैव उसे धिक्कारती रहती है जिसके कारण वो शमन या शन्ति को भी प्राप्त नहीं होता |
याद रखिये भले काम का नतीजा भी भला ही होता है | 

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