Tuesday, November 12, 2013

मानसिकता

सांसारिक व्यक्तियों को तनाव रहता है
मानसिक शांति नहीं मिलती
किसी भी अवस्था में शान्ति नहीं है 
ह्रदय उद्विग्न रहता है
आत्मा अतृप्त रहती है
किसी भी कार्य में मन नहीं लगता
स्वभाव चिड़चिड़ापन बना रहता है
नकारात्मकता ह्रदय वासित बनी है
चहुँ और तिमिर ही तिमिर बना है
किसी पर विश्वास नहीं होता
सभी क्रूर ,दुष्ट दृष्टि गोचर होते हैं
 सवयम पर भी विश्वास नहीं है
जीव जंतुओं से भी प्रेम नहीं होता
वृक्ष ,लताओं से भी लगाव नहींहोता
वातसल्य का भाव उत्त्पन्न नहीं होता
व्यवहारिकता रास नहीं आती
आत्महत्या करने को मन करता है
अकेलापन अच्छा लगता है
जानते हो ऐसा क्योँ होता है
क्योँ कि हम  लेना जानते हैं
देने का हमारे पास नाम नहीं होता |

 

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