Tuesday, December 30, 2014

लक्ष्य प्राप्ति हेतु

जो मानव भूख से त्रस्तहोने पर भी
सुमार्गों पर सदैव प्रसस्त रहते हैं
उनके मार्ग में आये हुए पर्वत भी
मार्ग उनके लिए स्वयं छोड़ देते हैं ,
सांसारिक व्यक्तियों को दृष्टांत देने हेतुं
भिक्षुक बन देशाटन करते रहते हैं
जो पदार्थ जैसा भी जहां भी मिला
 नियति मान ,क्षुधा शांत कर लेते हैं ,
 अनगिनत अवरोध विरोधावास होते भी
परिवर्तन लाने में पूर्णत सफल होते हैं
और एक दिन विरोध करने वाले भी
उन्हें ईश,महात्मा,गुरु और देव कहते हैं |

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