Friday, January 3, 2014

आलस्य ,अहंकार ,आदर्श

आलस्य के कारण अंतिम मुग़ल सम्राट मीरजाफर जो कि आलसी होने के साथ साथ संगीत प्रेमी भी था पर ठीक वक्त पर ठीक कदम ना उठाना उसे बहुत महंगा पड़ा क्योंकि सेनानायक के द्वारा कितनी ही बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद वो आलसी सम्राट महफ़िलों में मसगूल रहा और अंग्रेजी सेना लाल किले में आसानी से प्रवेश कर गई और मीरजाफर को बंदी बनाकर रंगून भेज दिया गया और एक कमरे में टूटी खाट पर लिटा कर बंद कर दिया और लिख दिया गया ,भारत का आलसी अंतिम सम्राट ,मात्र दिखाने के लिए टिकिट भी लगा कर रेवेन्यू कमाना शुरू कर दिया ,
इसी प्रकार १५ वर्ष से अहंकार के वशीभूत हो दिल्ली में शीला दीक्षित जी कि कोंग्रेसी सरकार जो बड़ी सलीके से चल रही थी क्योंकि उनको अपने किये कामों पर पूर्ण भरोसा था कि उनको कोई भी राजनितिक पार्टी हर बार कि तरह इस बार भी नहीं हरा पायेगी ,जबकि भाजपा खुम ठोंक कर कह रही थी कि इस बार दिल्ली में उसकी सरकार बनेगी ,पर एन वक्त पर एक आदर्शवादी अरविंद केजरीवाल जो कि इन दोनों पार्टीज के किर्याकलापों ,जैसे भ्रष्टाचार ,या जनता का कोई ख्याल ना रखना सरकारी अफसरों कि मनमानी ,ना बिजली ना पानी ,को देखकर अंदर ही अंदर दुखी था ,और उसने वो कर दिखाया जो किसी भी व्यक्ति तो क्या उसको खुद भी ये भान नहीं हुआ कि उसने कोंग्रेस पार्टी का तो सूपड़ा हीoodaa साफ़ कर दिया और भाजपा को भी कहीं का ना छोड़ा ,मिडिया भी नहीं समझ पाया पर उसने साथ पूरा पूरा दिया और उसको उसके प्रयत्नों के सहारे दिल्ली कि गद्दी पर आरूढ़ कर दिया उसके आदर्श उसके काम आये और एक आदर्शवादी ने जनता के साथ मिलकर नायक के नायक कि भांति वास्तव में ही कर दिखाया और आज सम्पूर्ण भारत उसकी झाड़ू का दीवाना हो गया ,ये वास्तव में असत्य पर सत्य कि विजय थी |

No comments:

Post a Comment