Wednesday, January 15, 2014

विवशता प्रेरित करती है
शनै शनै सिसकने के लिए
परिस्थितियां मार्गप्रशस्त करती हैं
आत्महत्या करने के लिए
सद्बुद्धि आसवस्त करती है
सुमार्ग पर चलने के लिए
दारुण दर्द द्रवित करते हैं
नैनों से अश्रु बहाने के लिए
ह्रदय आसवस्त करता है
दिए प्रण निभाने के लिए
रुधिर कुलांचे मारता है
अपनों के हेतु बह जाने के लिए 




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