Sunday, October 20, 2013

हमारा देश और प्रधानमन्त्री

भारत वर्ष के उस समय के सबसे अमीर आदमी पंडित जवाहर लाल नेहरु भारत के पहले  प्रधान मंत्री बने तो देश में अकाल पड़ा ,सम्पूर्ण जनता ने त्राहि त्राहि की ,पर देश में हरित क्रान्ति आ गईउनकी म्रत्यु अचानक ही १९६४ में हो गई उनकी म्रत्यु का रहस्य भी आज तक सोचने का विषय बना हुआ है |
उनके बाद श्री लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधान मंत्री बने जो की बचपन में पढने के लिए नाव के बजाय तैर कर गंगा नदी पार करके स्कूल जाते थे उस वर्ष देश में इतनी बरसात हुई की चारों और पानी ही पानी हो गया लोगों को नाव का सहारा लेना पडा ,उनकी म्रत्यु भी तास्कंद में जाकर हुई आज तक पता नहीं चला की उनकी म्रत्यु क्योँ और कैसे हुई|
उसके बाद श्रीमती इंदिरा गाँधी जो की उस समय की सबसे ताकतवर स्त्री थी उनके समय में देश ने उन्नति भी की ,और उन्होंने देश पर इमरजेंसी ठोक दी ,उनकी म्रत्यु भी एक बुरा हादसा बन कर रह गई जिसके कारण सिख और हिन्दू भाई भाइयों में झगडे हो गये देश अवनति के गर्त में चला गया |
उसके बाद मोरारजी देसाई जैसे इमानदार और झुलसे व्यक्ति देश के प्रधान मंत्री बने पर वो भी अपनी सरकार ठीक से नहीं चला सके ,उन्होंने और उनके सहयोगियों ने देश को पेसाब का आचमन करने का मन्त्र दिया |
राजिव गांधी जी प्रधानमन्त्री बने उन्होंने देश की साख बचने के लिए बहुत प्रयत्न किये पर उनको भी अपनी कुर्बानी देनी पड़ी और देश फिर गर्त में चला गया

उसके बाद तो नरसिंहा राव जी भी बने तभी से घोटालों का प्रचलन शुरू हो गया जो आजतक नहीं रुका |
चौधरी चरण सिंह तो केवल नाम मात्र के लिए ही बने थे जो कुछ भी ना कर सके |
चंदेर्शेखर जी भी प्रधानमंत्री बने पर देश की खराब हालत के लिए देश को सोना बेचना पडा और देश की इज्जत बचाई ये उनका बोल्ड स्टेप था अगर ऐसा नहीं करते तो पता नहीं आज देश का क्या होता
उसके बाद तो विश्व्नाथ प्रताप सिंह जो जातिवाद का प्रश्न चिन्ह बने और देश में बदमनी फ़ैल गई स्वर्ण और दलित भीड़ गये
अटल बिहारी जी भी देश के प्र्दान्मंत्री बने और टुकडो में राज करते रहे और फिर देवगोडा ,manmohan सिंह जी जैसे प्रधान मंत्री बने जो की एक इमानदार और अच्छी छवि के बावजूद बदनामी वो भी अनगिनत घोटालों की ढ़ोते रहे हैं पग पर उनको नेता पक्षी और विपक्षी और जनता भी बेचारे ,और पता नहीं क्या क्या कहते रहे हैं देश के हालात कोई अच्छे नहीं है 
अब आप सोचिये की यदि अब अगला प्रधानमंत्री चाय बेचने वाला बना तो देश के हालात कैसे होंगे क्या देश की जनता को भी चाय बेचनी पड़ेगी या चाय पीकर ही गुजारा करना पडेगा या और भी बुरा हाल होगा क्योंकि महंगाई तो उनको विरासत में में मिल ही रही है मई तो यही कह सकता हूँ की इस देश का भगवा नहीं बल्कि भगवान् ही भला करे |


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