Tuesday, December 22, 2015

दहेज़ रुपी लालचियों की कहानी

एक दहेज़ के लालची व्यक्ति के लड़के की शादी में लड़की वाले ने इतना ज्यादा दहेज़ दिया कि दहेज़ को देखकर लालची बाप की बोलती बंद हो गई ,और फिर समस्त दहेज़ और बहु को बिदा कराकर बरात वापिस लड़के घर चल दी ,पहला जमाना था अक्सर बारातें बैल गाडी ,रथ ,रब्बे ,और तांगों से जाती थी ,खूब मस्ती का माहौल था सभी बाराती और लड़का और लड़के के पिता बहुत खुश थे ,अचानक रस्ते में कहीं एक खांचा ( कीचड भरा रास्ता )आ गया ,सभी गाड़ियां उसमे फंस गईं, तो उस कीचड को हटाने के लिए कुछ जैसे की फावड़ा आदि की जरूरत  होती है ,परन्तु वो नहीं था तो सभी की एक मंत्रणा चल रही थी ,तभी लड़की का बाप बोला की साले ने सब कुछ दिया पर एक फावड़ा नहीं दिया ,अब सोचिये उस लड़की कि बाप को क्या पता था की बारातियों की गाड़ियां कीचड में फंसेगी ,खैर किसी तरह बाराती और दुल्हन घर व् पहुँच गई ,अब लड़की की चादर रस्ते में कहीं अटक गई होगो तो गई सीने के लिए बहु ने सुई मांगी तो सास कहती है क्या तेरे बाप के पास एक सुईं बी नहीं थी देने को ,कहने का तातपर्य है कि इतना बड़ा दहेज़ लेने की बात भी भविष्य में घर में जो भी वस्तु नहीं  होगी उस पर गालिया दी जाएंगी लड़की और लड़की के बाप को |जब गालियां ही खानी है तो इससे अच्छा है कि दहेज़ दिया ही न जाये |

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