Monday, May 1, 2017

यारी करो ऐसी करो जैसे लुटिया नीर ,
अपना गला फंसाये के लावे नीर झकोर |




मनुष्य को चन्दन की भांति होना चाहिए क्योँकि वो अपनी शीतलता से सर्पों को भी सुख शांति प्रदान करता है ,और जब कोई व्यक्ति उसको अपने मस्तक पर तिलक स्वरूप धारण करता है तो उसे भी पूर्ण शीतलता प्रदान कर सुख की अनुभूति कराता है ,यानी की दुष्ट और सभ्य के साथ एक जैसा ही व्यवहार करता है ,परन्तु आज के मनुष्यों में इस गुण की भरी मात्रा में कमी है | 

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