Friday, January 27, 2017

economic emergency ne desh ko kiya barabaat

 १९७७ में ईमरजेंसी से पहले कांग्रेसी अंध भक्तों ने स्व  श्रीमती इंदिरागांधी जी उनकी प्रसिद्धि के लिए इतना दिग्भर्मित कर दिया था की वो भी एक प्रकार से डिक्टेटर बन गई और उन्होंने ईमेजेन्सी की रातों रात घोषणा कर दी और उन्होंने  विपक्षि नेताओं को जेल में ठुस्स दिया गया परन्तु देश की व्यवस्था किसी भी प्रकार से न
चरमरा पाई बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में इजा फा हुआ ,
उससे भी कहीं ज्यादा अंध भक्तों ने मोदी जी को उनकी गरिमा के पुल बाँध दिए और वो भी इतने की मोदी जी अपनी यानी की प्रधानमंत्री की गरिमा को ही भूल  गए ,
और मैं  तो कहूंगा उन्होंने विपक्षियों की बुराई कर कर के ,उल्टी सीधी  फेंक फेंक कर  सम्पूर्ण गरिमा को ही खो दिया ,और देश के ऊपर नोटबंदी करके देश पर आर्थिक आपातकाल  ही लगा दिया जिसके कारण देश के लाखों छोटे व्यापारी प्रायः खत्म से हो गए और किसानों ने आत्महत्याएं की ,देश के बहुत से बड़े बड़े बिजनैस मैन देश छोड़कर भाग गए और बहुत सारे भागने की फ़िराक़ में हैं ,क्योँकि उनके धंद्ये बन्द हो चुके हैं या दिवालियापन के कगार पर हैं ,
आज देश में भाजपा की हालात ख़राब है परन्तु अंध भक्त आज भी मोदी जी को ठीक रिपोट पेश  नहीं करते वो मोदी जी आँख मीचकर अपनी धुन में फेंके जा रहे हैं की अभी भी २ साल का  बाकी है चाहें तो मोदी जी अपनी खोई प्रतिष्ठा को प्राप्त कर सकते हैं और भाजपा को ५  प्रदेशों में जीत दर्ज करवा शकते हैं और शायद आगे भी आ जाने की आशा ले सकते हैं
वार्ना तो आगे  अगले १५ साल तक तक शायद कोई नाम लेवा या पानी का देवा ही ना बचे

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