Wednesday, August 7, 2013

महामुर्खों कि सूची में शामिल

जीवन के अंतिम पडाव में
मूर्खों की सूची में शामिल हो गया हूँ मैं
क्योंकि इस आयु में
शरीर अस्वस्थ हो जाता है
तो शरीर का प्रत्येक अंग
अपना कार्य करने में
निष्फल हो जाता है
और मष्तिष्क जो कि
सभी अंग प्र्त्येंगों को
अपने इशारे पर चला
सम्पूर्ण कार्य संपन्न कराता है ,
उसमे भी शनै शनै ह्रास
होना प्रारम्भ हो जाता है
इसीलिए मेरी उम्र के लोगों को
बुड्ढा घोषित कर दिया जाता है ,
जो मान सम्मान उसे
अभी तक प्राप्त हो रहा था
उसमे धीरे धीरे कमी का अहसास
प्रत्येक मानव को हो जाता है ,
पर मेरे देश का प्रत्येक नेता
जितना अधिक बुद्धा होता जाता है
कहते हैं कि उसकी कार्य क्षमता का
उतना ही अधिक विकास होता जाता है ,
वास्तव में तो उसका प्रत्येक पग
कब्रिस्तान कि और जैसे जैसे जाता है
उतना ही अधिक लालच कुर्सी को
पाने का बढ़ता जाता है
पर ना मुझे  कुर्शी का लालच
और नाही नेता बन्ना चाहता हूँ
इसीलिए मैं स्वयं ही सोच समझकर
महामुर्खों कि सूची में शामिल हो गया हूँ |

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