स्वराज्य एक ऐसा शब्द है
जिसे गांधी जी ने चलाया
सुभाष ने जीवन भर सींचा
और जनता को समझाया ,
आजाद, भगत, सुखदेव ने
अपना अपना रक्त बहाया
और ना जाने कितने वीरों ने
आहूत हो ,देश आजाद कराया ,
नेहरू इंदिरा ने जिसे सराहा
शास्त्री जी ने परचम फहराया
उसके बाद आते गए ,खाते गए
देश को महाकंगाल बनाया ,
अब नित नए नेता आ रहे हैं
नित नयी कहानी सूना रहे हैं
भोली जनता को मूर्ख बना रहे हैं
स्वराज्य के गीत गा रहे है,
पहले केजरी ने स्वराज्य पाया
अब योगेन्द्र पाना चाह रहे हैं ,
और स्वराज्य पाने के चक्कर में
सारे जनता दल१ दल बना रहे हैं ,
कथन है जिस घर में शान्ति नहीं
वो घर कभी साबुत बच नहीं सकता
और जिस देश में बद्मिनी फ़ैली हो
वो देश कभी स्वतंत्र रह नहीं सकता |
जिसे गांधी जी ने चलाया
सुभाष ने जीवन भर सींचा
और जनता को समझाया ,
आजाद, भगत, सुखदेव ने
अपना अपना रक्त बहाया
और ना जाने कितने वीरों ने
आहूत हो ,देश आजाद कराया ,
नेहरू इंदिरा ने जिसे सराहा
शास्त्री जी ने परचम फहराया
उसके बाद आते गए ,खाते गए
देश को महाकंगाल बनाया ,
अब नित नए नेता आ रहे हैं
नित नयी कहानी सूना रहे हैं
भोली जनता को मूर्ख बना रहे हैं
स्वराज्य के गीत गा रहे है,
पहले केजरी ने स्वराज्य पाया
अब योगेन्द्र पाना चाह रहे हैं ,
और स्वराज्य पाने के चक्कर में
सारे जनता दल१ दल बना रहे हैं ,
कथन है जिस घर में शान्ति नहीं
वो घर कभी साबुत बच नहीं सकता
और जिस देश में बद्मिनी फ़ैली हो
वो देश कभी स्वतंत्र रह नहीं सकता |
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