जख्मों को जितना कुरेदता हूँ
हरे, होते ही नजर आते हैं
जख्म देने वालों के चेहरे
एक एक कर नजर आते हैं
बस खुदा से इल्तजा करता हूँ
ना देना जख्म उनको कभी
वरना कुरेदकर हरा कर लेंगे
और तोहमत लगाएंगे जमाने को |
हरे, होते ही नजर आते हैं
जख्म देने वालों के चेहरे
एक एक कर नजर आते हैं
बस खुदा से इल्तजा करता हूँ
ना देना जख्म उनको कभी
वरना कुरेदकर हरा कर लेंगे
और तोहमत लगाएंगे जमाने को |
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