हम उस देश के वासी हैं
जहाँ ठोकर खाकर भी ना संभलते हैं
जब लातें पीछे से पड़ती हैं
तो मैया मैया कहते हैं ,
फिर भी खुद को दोष नहीं देते
ऊपर वाले को गालियां देते हैं
जब पार बसाती ना धींगड़ों पर
तो शरीफ और मजलूमों पर बरसते हैं |
जहाँ ठोकर खाकर भी ना संभलते हैं
जब लातें पीछे से पड़ती हैं
तो मैया मैया कहते हैं ,
फिर भी खुद को दोष नहीं देते
ऊपर वाले को गालियां देते हैं
जब पार बसाती ना धींगड़ों पर
तो शरीफ और मजलूमों पर बरसते हैं |
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