मेरा ,हमारा और आप सभी का वो ही सच्चा मित्र है " जो आपकी कमियों ,खामियों को आपके सम्मुख उजागर करके आलोचना करता है क्योँकि वो आपकी कमियों को आपके द्वारा ही समाप्त करवाकर आपको एक शुद्ध और शक्तियुक्त स्तम्भ देखना चाहता है ।
और जो व्यक्ति हम सभी की कमियों और खामियों को अनदेखी कर बजाय आलोचना के यश प्रसंशा करता है वो आपका सबसे बड़ा दुश्मन है क्योँकि वो आपको धीरे धीरे क्षय होता देखकर समूल नष्टता की और अगर्सर कर रहा है ।
और जो व्यक्ति हम सभी की कमियों और खामियों को अनदेखी कर बजाय आलोचना के यश प्रसंशा करता है वो आपका सबसे बड़ा दुश्मन है क्योँकि वो आपको धीरे धीरे क्षय होता देखकर समूल नष्टता की और अगर्सर कर रहा है ।
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