यदि हम सभी अपने माँ बाप को मात्र कोई भी भगवन मान लें जैसे ,सीता राम , राधा कृष्ण ,या पारवती शिव ,और उनकी पूजा मात्र ऐसे ही २ या ४ मिनट मिनट करें जैसे कि आप भगवानों की करते हैं और भोग भी वैसे ही लगाएं जैसे की भगवन को लगाते हैं हैं तो मैं ये गारंटी देता हूँ कि किसी भी वृद्ध जन वृद्ध आश्रम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योँकि बुढ़ापे में प्रत्येक व्यक्ति को मात्र मान और कुछ भोजन ,जो की भोग से ही काम चल जायेगा ,आवष्यकता होती है और हमारे सभी के घरों में भी सुख शांति का वातावरण बन जायेगा ,
क्योँकि वृक्ष और बुजुर्ग बुढ़ापे में फल भी नहीं देते तो छाँव अवश्य देते हैं ,इसलिए इन दोनों को कभी भी बेकार मत समझो ।
क्योँकि वृक्ष और बुजुर्ग बुढ़ापे में फल भी नहीं देते तो छाँव अवश्य देते हैं ,इसलिए इन दोनों को कभी भी बेकार मत समझो ।
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