मैंने तो हमेशा उनको ,
अपनी धड़कनों में बसा के रखा ,
पर वो हैं कि मेरी धड़कनों को भी
बेवफा का खिताब दिए जा रहे हैं,
किसी को मुहब्बत करना भी अब
भरोसे के काबिल नहीं रह गया है
हम उनको खुशियां दे रहे हैं और वो
घाव देकर नमक भी मले जा रहे हैं ।
अपनी धड़कनों में बसा के रखा ,
पर वो हैं कि मेरी धड़कनों को भी
बेवफा का खिताब दिए जा रहे हैं,
किसी को मुहब्बत करना भी अब
भरोसे के काबिल नहीं रह गया है
हम उनको खुशियां दे रहे हैं और वो
घाव देकर नमक भी मले जा रहे हैं ।
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