भारत में एक कहावत है कि " अपने यदि मारते भी हैं तो छाँव में डालते हैं "
परन्तु मेरा अनुभव है की "यदि आपने मारते हैं तो ऐसी जगह डालते हैं जहां छाँव तो छोडो ,मुंह में डालने के लिए एक बूँद पानी भी मयस्सर नहीं होता "
परन्तु मेरा अनुभव है की "यदि आपने मारते हैं तो ऐसी जगह डालते हैं जहां छाँव तो छोडो ,मुंह में डालने के लिए एक बूँद पानी भी मयस्सर नहीं होता "
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