यदि गधे भी सिगरेट्स पिया करते ,और तम्बाकू या गुटखे खाया करते तो
तो फिर आदमी या ओरत ना सिगरेट पीते और नहीं तम्बाकू ,गुटखे खाया करते
क्योँकि फिर जनता उनको भी गधा या गधी कहकर सम्बोधित किया करते इसलिए
फिर वो ना तो धुंआ ही छल्ले बनाकर उडाते और नाही पोीक थूककर जमीन गन्दी करते
हे भगवन ऐसे लोगों से देश को मुक्त करा।
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