धन से सब कुछ खरीदा जा सकता है ,यहां तक की जीवन और म्रत्यु भी ,और सब कुछ बनाया भी जा सकता है ,परन्तु चरित्र ना तो बनाया जा सकता है ,और नाही खरीदा जा सकता है ।
जब दिल पर चोट लगती है तो आँखों से आंसू निकलते हैं ,और जब दिल को असीम ख़ुशी मिलती है तो भी आँखों से आंसू ही निकलते हैं यानी की दिल आँखों और आंसूओं में कितना समन्वय है ।
जब दिल पर चोट लगती है तो आँखों से आंसू निकलते हैं ,और जब दिल को असीम ख़ुशी मिलती है तो भी आँखों से आंसू ही निकलते हैं यानी की दिल आँखों और आंसूओं में कितना समन्वय है ।
No comments:
Post a Comment