Thursday, April 8, 2010

टी,वी प़र एक चोर की मुंहजबानी

eआज तक का चेनल जैसे ही खोला तो देखा कि १ चोर को कुछ पुलिस वालों ने पकड़ रखा था और वो शोर मचा रहा था कि सालो तुमको देख लूंगा तुम्हारे जैसे छत्तीसों पुलिश वाले रोजाना मुझे सलाम ठोकने मेरे घर आते हैं मैं किसी एस ,एच ,ओ ,या ऐ सी, पी,या डी सी ,पी से नहीं डरता ,तुम क्या समझते हो कि मुझ प़र झूठा चोरी का केस बनाकर जेल में सडा दोगे ,देखता हूँ कि कैसे मुझे जेल में डालोगे अगर तुम्हारे कच्चे चिट्ठे ना खोल दिए तो मेरा नाम नहीं ,इतनी बकवास वो कर रहा था प़र पुलिश व्वाले कुछ नहीं बोल रहे थे मैंने बराबर में बैठे साथी को कहा कि देखो क्या ज़माना आ गया है :उलटा चोर कोतवाल को डाट रहा है ; तो उसने कहा कि ये पुलिश वाले भी वोही हैं जो इसके साथ मिले रहते है यदि ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र कि रक्षा कैसे होगी और चोरी ,बदमासी .दादागिरकैसे रुकेगी ,देश में क़ानून नामकी कोई चीज नहीं बचेगी ,आखिर पुलिश वालों को भी व्यवस्था का दोष क्यों दिया जाए

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