हमारे पास ऐसा कोई मुकाम नहीं है
जहां क्षण भर भी हम सुस्ता पाएंगे
जब से आये है इस नश्वर संसार में
चलते रहे हैं चलते रहेंगे चला चली है
चलते चलते जब थक के चूर जाएंगे
तो स्वयं ही अपने मुकाम पे पहुँच जायेंगे |
जहां क्षण भर भी हम सुस्ता पाएंगे
जब से आये है इस नश्वर संसार में
चलते रहे हैं चलते रहेंगे चला चली है
चलते चलते जब थक के चूर जाएंगे
तो स्वयं ही अपने मुकाम पे पहुँच जायेंगे |
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