आदरणीय नरेंद्र मोदी जी की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन क्या है शायद उनके साथी नेता या समर्थक अथवा कार्यकर्ता कोई भी नहीं जानता, क्योँकि कोई बताता ही नहीं ,
हाँ एक दिन एक चैनल पर मोदी जी ने ये अवश्य कहा था कि उनकी प्रारम्भिक शिक्षा बड़ोदरा में हुई थी ,इससे लगता है कि वो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं ,
वैसे पढ़ते लिखते भी कैसे जो बच्चा दिन भर रेल के डिब्बे में चाय बेचेगा वो पढ़ेगा कब ,
वैसे भी उनको इसकी जरुरत भी नहीं थी क्योँकि वो तो योगी और त्यागी पुरुष हैं इसलिए उनको आंतरिक बुद्धि का भण्डार है ,
पत्नी यशोदा को शादी के तुरंत बाद उन्होंने छोड़ दिया क्योँकि ज्यादा समय अपने पास रखते तो २ ,४मुटमुन्ने पैदा हो जाते तो फिर देश कि सेवा कैसे करते और त्यागी पुरुष कैसे कहलाते ,
अपनी माता जी को इसलिए साथ नहीं रखा क्योंकि और भी तो उनके २ भाई हैं उनका भी तो माँ के प्रति कुछ फर्ज बनता है या फिर सारा नरेंद्र जी ही करें ,ये क्या काम है कि साल में एक या दो बार मिल आते हैं ,आ था
भाइयों को इसलिए मुंह नहीं लगाया कि सब जानते हैं कि कोई भाई कभी किसी का हुआ है ,ओरंगजेब ने अपनेम सभी भाइयों को मरवा दिया था ,कहीं ऐसी कहानी मेरे साथ हो जाती तो देशआ गुजरात model कि सेवा कौन करता , और गुजरात को स्वर्ग इसलिए बना दिया क्योँकि वो तो पहले से ही स्वर्ग जैसा था उसका नाम पहले सौराष्ट्र था ,पता है इसका मतलब क्या होता है ,सबसे अच्छा राष्ट्र या राज्य ,उसमे मैंने थोड़ी सी उठा पटक और कर दी और नाम दे दिया गुजरात मॉडल ,अब आप तो जानते ही है मेरे समर्थक कैसे हैं ,
वाराणसी से इसलिए लड़ रहा हूँ क्योँकि मुझे पता था कि शायद में बड़ोदरा सीट से या गुजरात में कहीं से ना जीत पाऊँ क्योँकि विधायक का चुनाव तो २५ या ३० हजार वोटों से जीता जा सकता है पर सांसद हेतु काम से काम ३ से ४ लाख वोट तो चाहिए ही ,तो हमने सोचा कि जोशी जी कि वाराणसी कि सीट सबसे अच्छी सीट है वहाँ से तो जीत ही जाएंगे ,पर ये क्या पता था कि ये झाड़ू वाला वहां भी पहुँच जाएगा फिर बड़ोदरा ही भागना पड़ा ,अब कहीं ना कहीं से तो जीत ही जाऊंगा
आपने भाजपा के सभी बुजुर्ग नेताओं को किनारे क्योँ कर दिया ,दरअसल ये लोग कुछ कर तो सकते नहीं ये रास्ते के रोड़े हैं इसलिए इनको हटाना जरूरी है ,अब अगली बार ये कान नहीं फटफटाएँगे
वैसे आर एस एस वालों ने क्या कहा ,उन्होंने कहा है कि जो चाहो सो करो ,चाहे जितना पैसा खर्च करो पर पी एम बनो
पर आपने १० १५ हजार करोड़ रुपया विज्ञापनों पर खर्च कर दिया इतना पैसा कहाँ से आ रहा है ,अब साड़ी बाते आपको क्योँ बता दूँ ,बाकी बाते पर्दानमंत्री बनने के बाद होगी |
हाँ एक दिन एक चैनल पर मोदी जी ने ये अवश्य कहा था कि उनकी प्रारम्भिक शिक्षा बड़ोदरा में हुई थी ,इससे लगता है कि वो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं ,
वैसे पढ़ते लिखते भी कैसे जो बच्चा दिन भर रेल के डिब्बे में चाय बेचेगा वो पढ़ेगा कब ,
वैसे भी उनको इसकी जरुरत भी नहीं थी क्योँकि वो तो योगी और त्यागी पुरुष हैं इसलिए उनको आंतरिक बुद्धि का भण्डार है ,
पत्नी यशोदा को शादी के तुरंत बाद उन्होंने छोड़ दिया क्योँकि ज्यादा समय अपने पास रखते तो २ ,४मुटमुन्ने पैदा हो जाते तो फिर देश कि सेवा कैसे करते और त्यागी पुरुष कैसे कहलाते ,
अपनी माता जी को इसलिए साथ नहीं रखा क्योंकि और भी तो उनके २ भाई हैं उनका भी तो माँ के प्रति कुछ फर्ज बनता है या फिर सारा नरेंद्र जी ही करें ,ये क्या काम है कि साल में एक या दो बार मिल आते हैं ,आ था
भाइयों को इसलिए मुंह नहीं लगाया कि सब जानते हैं कि कोई भाई कभी किसी का हुआ है ,ओरंगजेब ने अपनेम सभी भाइयों को मरवा दिया था ,कहीं ऐसी कहानी मेरे साथ हो जाती तो देशआ गुजरात model कि सेवा कौन करता , और गुजरात को स्वर्ग इसलिए बना दिया क्योँकि वो तो पहले से ही स्वर्ग जैसा था उसका नाम पहले सौराष्ट्र था ,पता है इसका मतलब क्या होता है ,सबसे अच्छा राष्ट्र या राज्य ,उसमे मैंने थोड़ी सी उठा पटक और कर दी और नाम दे दिया गुजरात मॉडल ,अब आप तो जानते ही है मेरे समर्थक कैसे हैं ,
वाराणसी से इसलिए लड़ रहा हूँ क्योँकि मुझे पता था कि शायद में बड़ोदरा सीट से या गुजरात में कहीं से ना जीत पाऊँ क्योँकि विधायक का चुनाव तो २५ या ३० हजार वोटों से जीता जा सकता है पर सांसद हेतु काम से काम ३ से ४ लाख वोट तो चाहिए ही ,तो हमने सोचा कि जोशी जी कि वाराणसी कि सीट सबसे अच्छी सीट है वहाँ से तो जीत ही जाएंगे ,पर ये क्या पता था कि ये झाड़ू वाला वहां भी पहुँच जाएगा फिर बड़ोदरा ही भागना पड़ा ,अब कहीं ना कहीं से तो जीत ही जाऊंगा
आपने भाजपा के सभी बुजुर्ग नेताओं को किनारे क्योँ कर दिया ,दरअसल ये लोग कुछ कर तो सकते नहीं ये रास्ते के रोड़े हैं इसलिए इनको हटाना जरूरी है ,अब अगली बार ये कान नहीं फटफटाएँगे
वैसे आर एस एस वालों ने क्या कहा ,उन्होंने कहा है कि जो चाहो सो करो ,चाहे जितना पैसा खर्च करो पर पी एम बनो
पर आपने १० १५ हजार करोड़ रुपया विज्ञापनों पर खर्च कर दिया इतना पैसा कहाँ से आ रहा है ,अब साड़ी बाते आपको क्योँ बता दूँ ,बाकी बाते पर्दानमंत्री बनने के बाद होगी |
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